भारत ने META पर लगाया 213 का जुर्माना, मार्क जुकरबर्ग की कंपनी ने कही ये बड़ी बातें
Mark Zuckerberg: META ने अपने बयान में कहा कि 2021 के अपडेट ने लोगों के पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी में कोई बदलाव नहीं किया और इसे उस समय यूजर्स के लिए एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था.
Mark Zuckerberg: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने सोमवार को मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. यह जुर्माना 2021 में व्हाट्सएप के प्राइवेसी अपडेट को लेकर मेटा द्वारा अनुचित व्यापारिक तरीके अपनाने के कारण लगाया गया है. हालांकि, मेटा ने इस पर अपना जवाब दिया है.
मेटा का बयान
मेटा ने मंगलवार को एक बयान जारी किया और कहा, "2021 का अपडेट लोगों के पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी में कोई बदलाव नहीं लाया था. इसे यूजर्स के लिए एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था. हमने यह सुनिश्चित किया कि इस अपडेट के कारण किसी का अकाउंट डिलीट न हो और व्हाट्सएप सेवा प्रभावित न हो."
कंपनी ने कही ये बड़ी बातें
मेटा ने आगे कहा, "यह अपडेट व्हाट्सएप पर नए बिजनेस फीचर को पेश करने के लिए था और इसमें डेटा संग्रहण और इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी दी गई थी." मेटा का यह बयान साफ करता है कि उसने सीसीआई के आरोपों से असहमत है.
सीसीआई के आरोप
सीसीआई ने मेटा पर आरोप लगाया था कि 2021 में व्हाट्सएप के प्राइवेसी अपडेट में अनुचित व्यापारिक तरीके अपनाए गए थे. इसके अलावा, सीसीआई ने मेटा को प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार से दूर रहने का निर्देश भी दिया. सीसीआई ने यह भी कहा कि व्हाट्सएप द्वारा भारतीय यूजर्स का डेटा 5 साल तक मेटा की अन्य कंपनियों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा नहीं किया जा सकता.
व्हाट्सएप की 'टेक-इट-या-लीव-इट' पॉलिसी अनुचित
सीसीआई ने अपनी जांच में यह पाया कि व्हाट्सएप की 'टेक-इट-या-लीव-इट' पॉलिसी अनुचित थी, क्योंकि इस पॉलिसी ने यूजर्स को डेटा कलेक्शन की शर्तों को स्वीकार करने और मेटा के साथ डेटा साझा करने के लिए मजबूर किया था. सीसीआई के अनुसार, मेटा ने व्हाट्सएप के जरिए धारा 4(2)(A)(i) का उल्लंघन किया है.