भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: 'हम बंदूक की नोक पर सौदा नहीं करेंगे' – पीयूष गोयल

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत में पीयूष गोयल ने साफ किया कि भारत कभी भी किसी दबाव में आकर वार्ता नहीं करेगा. उनका कहना था कि देश के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. 2030 तक भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य है. जानिए, कैसे भारत अपनी शर्तों पर अमेरिका से व्यापार समझौता कर रहा है और किस तरह से दोनों देशों के रिश्तों में नये मोड़ आ सकते हैं!

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Edited By: Aprajita

India-US Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध हमेशा महत्वपूर्ण रहे हैं और इस समय दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत के हितों को सर्वोपरि बताते हुए अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के दौरान किसी भी प्रकार के दबाव को नकारा. ये वार्ता 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ चल रही है. आइए, जानते हैं इस बातचीत और इसके पीछे की रणनीति के बारे में विस्तार से.

'बंदूक की नोक पर कोई सौदा नहीं' – पीयूष गोयल का बयान

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की बातचीत जारी रखेगा, लेकिन देश के हितों की रक्षा करना सबसे अहम है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत कभी भी 'बंदूक की नोक पर' व्यापार वार्ता नहीं करेगा. उनका कहना था, 'समय की पाबंदी जरूरी है क्योंकि यह बातचीत को तेजी से आगे बढ़ाती है, लेकिन हम कभी भी देश के हितों से समझौता नहीं करेंगे.' गोयल ने यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के साथ व्यापार युद्ध की घोषणा के बाद दी, जहां अन्य देशों पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है. हालांकि, भारत को इस पर 90 दिनों की राहत मिली है.

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: 2030 तक 500 अरब डॉलर का लक्ष्य

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को लेकर सरकार ने 2030 तक व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसके पहले चरण को इस साल पतझड़ में (सितंबर-अक्टूबर) तक अंतिम रूप देने की योजना है. इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करना है. गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता "भारत पहले" की भावना के साथ आगे बढ़ रही है, और इसका मुख्य लक्ष्य 2047 तक एक विकसित भारत की दिशा तय करना है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों के साथ व्यापार समझौतों पर अत्यधिक तत्परता से काम कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन भारत के प्रस्तावों पर तुरंत प्रतिक्रिया दे रहा है और जल्दी ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता किया जाएगा. जयशंकर ने कहा, "हमने प्रशासन में बदलाव के एक महीने के भीतर ही सहमति बना ली है कि हम द्विपक्षीय व्यापार समझौता करेंगे."

भारत-यूरोपीय संघ (EU) व्यापार वार्ता भी सक्रिय

पीयूष गोयल ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार वार्ता पर भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं और जरूरतों के प्रति संवेदनशील होते हैं, तब ही व्यापार वार्ता आगे बढ़ सकती है. गोयल ने कहा कि भारत अपने हितों की रक्षा करते हुए सभी व्यापार वार्ताओं को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है, और जल्द ही मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.

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12 April 2025, 09:47 AM IST

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