भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. वॉल स्ट्रीट के एक अनुभवी विशेषज्ञ का कहना है कि आने वाले समय में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवेश बाजार बन सकता है. यह बड़ी उपलब्धि तब देखने को मिल सकती है, जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अमेरिका और भारत दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है.
सिटीग्रुप के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट विश्वास राघवन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में बताया कि निवेशक 3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 25316904 करोड़ रुपये) से अधिक की राशि निवेश करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने की संभावनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, खासकर ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, और उपभोक्ता क्षेत्र में. इसके साथ ही, जैसे-जैसे ट्रंप अमेरिका को एक प्रमुख निर्माण हब बनाने पर जोर दे रहे हैं बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी अपनी निवेश रणनीतियों में बदलाव कर रही हैं, जिससे भारत में निवेश को और बढ़ावा मिलेगा.
भारत एक ऐसा देश है जहां निवेश करने का एक प्रमुख कारण उसकी बड़ी आबादी और बढ़ती उपभोग क्षमता है. राघवन के अनुसार, भारत में जो भी चीज़ें उत्पादित होती हैं, उनका उपभोग यहीं किया जा सकता है, जबकि कई अन्य देशों को अपने उत्पादों को निर्यात करना पड़ता है. भारत की बढ़ती आय और आवादी की निरंतर बढ़ती मांग से वह दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक बन रहा है.
भारत में 7% की सालाना चक्रवृद्धि दर से अर्थव्यवस्था बढ़ रही है. सरकार की ओर से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर जोर, नए धनी वर्ग का उदय, और बैंकिंग सुधारों ने भी भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर को और अधिक मजबूत किया है. इसका लाभ न केवल भारतीय निवेशकों को मिल रहा है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय निवेशक भी इस दिशा में ध्यान दे रहे हैं.
पिछले दो दशकों में भारतीय शेयर बाजारों ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तुलना में सबसे अच्छा रिटर्न दिया है. राघवन के अनुसार, भारतीय बाजारों ने डॉलर में भी उभरते बाजारों में सबसे अच्छा रिटर्न दिया है. हालांकि, हाल के समय में आय में स्थिरता के चलते कुछ रुकावटें आई हैं, लेकिन भारतीय बाजारों की संभावनाओं में कमी नहीं आई है.
बैंकिंग सुधारों और तेजी से बढ़ती संपत्ति ने भारतीय कंपनियों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है. कई भारतीय कंपनियां अब विश्व स्तर पर भी प्रमुखता से उभर रही हैं. राघवन ने कहा कि अब हमारे पास कई ऐसी भारतीय कंपनियां हैं, जो अपने वर्ग में सर्वश्रेष्ठ हैं और जो दुनिया के सामने भारत की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं.
विश्वास राघवन का मानना है कि भारत को आगे बढ़ाने के लिए निवेशकों का यह विश्वास एक बड़ा कदम साबित हो सकता है. भारत में 3 ट्रिलियन डॉलर का निवेश आना एक बड़ी उपलब्धि होगी और इससे देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं. First Updated : Monday, 18 November 2024