भारतीय शेयर बाजार ने टैरिफ संकट से उबरकर बनाया नया रिकॉर्ड
मुंबई में कारोबारी सत्र के समय नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 इंडेक्स 2.4 प्रतिशत तक उछल गया. इससे यह फिर से उस स्तर पर पहुंच गया जो 2 अप्रैल को था.

भारतीय शेयर बाजार ने हाल ही में वैश्विक व्यापार तनाव के बीच एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ के असर से उबरने वाला भारत दुनिया का पहला शेयर बाजार बन गया है. सोमवार को अंबेडकर जयंती की छुट्टी के बाद मंगलवार को बाजार खुलते ही मुंबई के शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली.
अमेरिका ने टैरिफ से राहत दी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 50 सूचकांक मंगलवार को 2.4% तक उछला, जिससे यह फिर से 2 अप्रैल के स्तर पर पहुंच गया, जिस दिन ट्रंप ने टैरिफ संबंधित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक निवेशकों ने भारत को एक अपेक्षाकृत सुरक्षित बाजार के रूप में देखा है. विशेषकर ऐसे समय में जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है. चीन को छोड़कर बाकी देशों के लिए अमेरिका ने टैरिफ से राहत दी है पर भारत ने वैश्विक अस्थिरता के बीच खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश किया है.
भारत की बड़ी जनसंख्या, मजबूत घरेलू निवेश और चीन से हटती वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं ने भारतीय बाजारों को वैश्विक मंदी से बेहतर निपटने की क्षमता दी है. ग्लोबल सीआईओ ऑफिस के सीईओ गैरी डुगन के अनुसार, भारतीय इक्विटी मध्यम अवधि में एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखी जा रही हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती
इस तेजी का एक अन्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती है, जिसने निवेशकों के आत्मविश्वास को और मजबूत किया है. साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भारत को फायदा पहुंचाया है, जो एक बड़ा तेल आयातक देश है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, भारत का अमेरिकी आयात में हिस्सा केवल 2.7% है, जो इसे वैश्विक टैरिफ प्रभाव से अपेक्षाकृत सुरक्षित बनाता है.