साल 2005 में इंदिरापुरम में शिप्रा मॉल की नींव रखी गई थी, जो साल 2023 में हिमरी एस्टेट कंपनी के हाथों बिक गई है। बताया जा रहा है कि आर्थिक बदहाली के कारण और शिप्रा समूह के गलतियों के कारण इस मॉल को बेचने की नौबत आई है। इस डील के साथ ही सबसे बड़ी रजिस्ट्री का भी रिकॉर्ड बन गया है।
साल 2005 में शिप्रा मॉल की शुरुआत इंदिरापुरम में की गई थी। शुक्रवार को गाजियाबाद में इसकी रजिस्ट्री हुई है। रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प विभाग को 38.57 करोड़ रुपये का स्टाम्प ड्यूटी और 5.51 करोड़ का निबंधन चार्ज चुकाया गया। बीते कुछ वक्त से दिल्ली-एनसीआर का ये रियल एस्टेट आर्थिक बदहाली से गुजर रहा था, जिसके बाद शुक्रवार को इसकी रजिस्ट्री हुई, इस रजिस्ट्री से सरकार को कुल 44.08 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है।
दिल्ली से गाजियाबाद नेशनल हाईवे पर नोएडा बॉर्डर के पास बसे इंदिरापुरम शहर में शिप्रा मॉल बना है। इस मॉल को रियल एस्टेट समूह ने डेवलप किया था। इस मॉल की पहचान दिल्ली-एनसीआर की सबसे बड़ी कमर्शियल प्रॉपर्टी के तौर पर किया जाता है। दिल्ली-नोएडा, गाजियाबाद में रहने वाले लोग एक न एक बार इस मॉल में जरूर गए होंगे। इस मॉल में दुनिया के कई पॉपुलर ब्रांड मौजूद है। यह मॉल दिल्ली-एनसीआर के युवाओं का पसंदीदा स्पॉट में से एक है।
आपको बता दें कि शिप्रा समूह ने अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस से अरबों रुपया कर्ज लिया था, इस कर्ज के बदले शिप्रा समूह ने शिप्रा मॉल को इंडिया बुल्स के पास गिरवी रख दी थी। हालांकि, कर्ज न चुकाने पर इंडिया बुल्स ने शिप्रा रियल एस्टेट को डिफॉल्टर घोषित कर दिया, जिसके बाद काफी विवाद बढ़ा, विवाद इतना बढ़ गया कि रियल एस्टेट कंपनी ने लेन-देन करने वाली कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया।
यह मामला बढ़ते -बढ़ते सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई, कोर्ट के दखल के बाद इंडिया बुल्स ने शिप्रा मॉल्स की नीलामी कर दी। शुक्रवार को शिप्रा मॉल को हिमरी रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के हाथों में बेच दिया गया है। First Updated : Saturday, 13 May 2023