दलित उत्‍पीड़न में फंसे इंफोसिस को-फाउंडर...एसी/एसटी एक्‍ट के तहत केस दर्ज, जानें कौन हैं क्रिस गोपालकृष्‍णन

इंफोसिस के को-फाउंडर सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन और आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम सोमवार को मुश्किल में फंस गए हैं. इन दोनों और 16 अन्य के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. क्रिस गोपालकृष्णन की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन  और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के पूर्व निदेशक बालाराम तथा 16 अन्य लोगों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह मामला सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में सिटी सिविल और सेशन कोर्ट (CCH) के निर्देशों के आधार पर दर्ज किया गया. यह मामला भारतीय विज्ञान संस्थान के एक फैकल्‍टी सदस्‍य की शिकायत पर दर्ज किया गया है. क्रिस गोपालकृष्‍णन भारतीय विज्ञान संस्थान के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य हैं.

क्या लगे आरोप?

शिकायतकर्ता दुर्गाप्पा, जो बोवी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और IISC के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी मेंबर के रूप में काम कर चुके हैं, ने इन सभी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दुर्गाप्पा का कहना है कि उन्हें हनी ट्रैप के झूठे मामले में फंसाकर उनके खिलाफ साजिश रची गई और इसके बाद उन्हें IISC की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान उन्हें जातिवादी गालियां दी गईं और धमकाया गया.

दुर्गाप्पा ने आरोप लगाया कि इस साजिश में क्रिस गोपालकृष्णन, गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैया, हरि केवीएस, दासप्पा, बलराम पी, हेमलता मिशी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावरकर और मनोहरन समेत कुल 18 लोग शामिल हैं.

गोपालकृष्णन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई
आईआईएससी फैकल्टी या आईआईएससी बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के मेंबर क्रिस गोपालकृष्णन की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

नारायण मूर्ति के साथ की थी इंफोसिस की स्‍थापना

जुलाई 1981 में इंफोसिस की स्थापना सात इंजीनियरों ने मिलकर की थी, जिनमें नारायण मूर्ति, नंदन नीलेकणी, क्रिस गोपालकृष्णन, एसडी शिबुलाल, के दिनेश, एनएस राघवन और अशोक अरोड़ा शामिल थे. इंफोसिस की स्‍थापना पुणे में की गई थी. वर्तमान में इसका मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है. गोपालकृष्णन ने 2007 से 2011 तक इंफोसिस के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया.

2011 में पद्म भूषण से किया गया सम्मानित

क्रिस गोपालकृष्णन को उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था. उन्होंने IIT मद्रास से फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. साथ ही, वे इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियर्स (INAE) और भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर्स इंस्टीट्यूट (IETE) के फेलो भी हैं.

क्रिस गोपालकृष्णन 2011 से 2014 तक कंपनी के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया. कृष्‍णनन 2014 में कंपनी से सेवानिवृत्त हुए और अपनी सेवानिवृत्ति के बाद से उन्होंने अपने बिजनेस इनक्यूबेटर एक्सिलर वेंचर्स और कुछ वेंचर फंड के माध्यम से कई स्टार्टअप्स में निवेश किया है. जनवरी 2011 में भारत सरकार ने गोपालकृष्णन को पद्म भूषण से सम्मानित किया. क्रिस गोपालकृष्णन की अनुमानित संपत्ति ₹38,500 करोड़ है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला तब दर्ज हुआ है जब अदालत ने पुलिस को मामले की जांच के निर्देश दिए. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उच्च पदों पर बैठे इन लोगों ने उनके खिलाफ जातिगत भेदभाव और शोषण की कोशिश की. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है.

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28 January 2025, 01:55 PM IST

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