LIC के पास पड़े 22,000 करोड़ रुपये, लेकिन कौन है इसका असली हकदार?
Business news: वित्त वर्ष 24 की शुरुआत में जीवन बीमा कंपनियों के पास बिना दावे के 22,237 करोड़ रुपये की राशि मौजूद हैं. जून से नवंबर 2023 तक के प्रयासों से इसमें 1,018 करोड़ रुपये की कमी आई हैं.
Business news: वित्तीय वर्ष 2024 की शुरुआत में जीवन बीमा कंपनियों के पास करीब ₹22,237 करोड़ रुपये जमा थे. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा जून-नवंबर 2023 तक चलाए गए 6 महीने के विशेष अभियान के जरिए 1,018 करोड़ रुपये की राशि वापस ली गई. इस पहल से पता चला कि गैर-परिवारिक लाभार्थियों को नामित करने वाले पॉलिसीधारकों के लिए उचित एस्टेट प्लानिंग कितनी जरूरी है. बीमा कंपनियां गैर-परिवारिक लाभार्थियों को नामांकित करने के मामले में अलर्ट रहती हैं.
संपर्क और जानकारी अपडेट करने के निर्देश
IRDAI ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों की संपर्क जानकारी, बैंक और नामांकित व्यक्ति के विवरण नियमित रूप से अपडेट करें. इसके अलावा, केवाईसी और री-केवाईसी, क्रेडिट ब्यूरो और मीडिया के माध्यम से ग्राहकों को ट्रेस करने, और एजेंटों को सटीक जानकारी के लिए जवाबदेह बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
हालांकि, नामांकित व्यक्तियों के अज्ञात होने की समस्या बनी रहती है. यह समस्या अक्सर जागरूकता की कमी, पारिवारिक स्थिति में बदलाव या नामांकित व्यक्ति के निधन के कारण सामने आती हैं.
नामांकित व्यक्तियों के साथ संवाद की पहल
'यह एक ऐसी समस्या है जिसे पूरे बीमा उद्योग को मिलकर हल करना होगा,' टाटा एआईए के कार्यकारी उपाध्यक्ष (मार्केटिंग) सुजीत कोठारे ने कहा. टाटा एआईए सक्रिय रूप से नामांकित व्यक्तियों से संपर्क कर उन्हें पॉलिसी के विवरण, लाभों और पॉलिसी अवधि के दौरान होने वाले बदलावों की जानकारी दे रहा है. कंपनी नामांकित व्यक्तियों के लिए कैंसर रोकथाम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एचपीवी टीकाकरण पर छूट भी दे रही है.
गैर-परिवारिक नामांकित व्यक्ति की चुनौतियां
कोठारे ने बताया कि जब पॉलिसीधारकों के पास कोई नजदीकी परिवार सदस्य नहीं होता या वे गैर-परिवारिक व्यक्ति को नामांकित करते हैं, तो इसे नैतिक जोखिम माना जाता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि रक्त संबंधी सदस्य ना होने की स्थिति में कुछ अपवाद दिए जा सकते हैं. उन्होंने ऐसे मामलों में ट्रस्ट बनाकर ट्रस्टी को नामांकित करने की सलाह दी, ताकि ऐसे दावों का सुचारू रूप से निपटान हो सके.
कानूनी पहलू और सलाह
एडेलवाइस लाइफ ने अपने ब्लॉग में बताया कि यदि कोई गैर-लाभकारी नामांकित व्यक्ति नियुक्त किया जाता है, तो पॉलिसी के धन का स्वामित्व कानूनी उत्तराधिकारियों के पास रहेगा. उदाहरण के तौर पर, "यदि 'ए' अपनी गर्लफ्रेंड 'सी' को नामांकित करता है, तो 'सी' धन प्राप्त कर सकती है लेकिन उसे 'ए' के कानूनी उत्तराधिकारियों, जैसे पत्नी या बच्चों को सौंपना होगा.
समलैंगिक संबंधों में लोग अपने साथी को नामांकित कर सकते हैं, लेकिन नामांकित होने से धन का स्वामित्व नहीं मिलता.
एलआईसी की सिफारिश
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने पॉलिसीधारकों को सलाह दी है कि वे अपने निकटतम परिवारिक सदस्यों को नामांकित करें. इसे लेकर, एलआईसी ने कहा कि किसी अजनबी को नामांकित नहीं किया जा सकता क्योंकि इसका कोई बीमा हित नहीं होता और नैतिक जोखिम हो सकता है.