पीएफ यानी प्रोविडेंट फंड नौकरी करने वाले लोगों के लिए सेविंग करने और मोटा फंड जमा करने का बेस्ट तरीका है। नौकरी करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी का एक हिस्सा हर महीने पीएफ फंड में एकत्रित होता है, इस जमा राशि के सलाना आधार पर सरकार ब्याज भी देती है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 18.15 प्रतिशत ब्याज दर तय किया है। वही जरूरत पड़ने पर पीएफ अकाउंट होल्डर अपने खाते से जमा राशि को आसानी से निकल सकते हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इस पैसे को निकालने केलिए टैक्स भी भरने पड़ते है तो आईए जानते इसके नियम के बारे में।
आमतौर पर पीएफ अकाउंट में जमा राशि को रिटायरमेंट के बाद निकलना सही होता है। एक्सपर्ट भी यहा सलाह देते हैं कि प्रोविडेंट फंड से रुपये रिटायरमेंट होने के बाद ही निकलना चाहिए। यह सलाह इसलिए दिया जाता है ताकि आप एक बार में मोटी रकम निकाल सके,और इस पैसे से आप किसी भी तरह के वित्तीय परेशानी में उपयोग कर सके। हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि कभी कभी आपको अपने पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने के लिए टैक्स भी देना होता है।
EPFO के रुल के मुताबिक अगर आपका पीएफ अकाउंट खोले हुए पांच साल से अधिक का समय हो चुका है और आप अपनी जमा राशि में से कुछ पैसे निकालना चाहते हैं तो फिर ऐसे में आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। वही अगर आपके पीएफ अकाउंट को ओपन हुए पांच साल से कम का समय हुआ है तो तो आपके द्वारा निकाले गए पैसे पर टैक्स काटा जाएगा। यह टैक्स टीडीएस(TDS) के जैसे काटा जाता है। इस कटौती के लिए EPFO ने कई नियम भी बनाए है।
EPFO के नियम के अनुसार अगर पीएफ धारक का पैन कार्ड उसके अकाउंट से लिंक है तो 10 फीसदी का टैक्स कटेगा जबकि लिंक ने होने पर 20 फीसदी का टीडीएस टैक्स कटता है। हालांकि कुछ मामलों में पांच साल से पहले भी की गई पीएफ के रकम को निकालने पर टैक्स नहीं देना होता है। दरअसल अगर कोई कर्मचारी का हेल्थ खराब हो जाता है और इस तय अवधि से पहले नौकरी को छोड़ देता है और अपने पीएफ अकाउंट से पैसा निकालना चाहता है तो ऐसे में उनसे टैक्स नहीं देना होगा।
इसके अलावा अगर कोई कंपनी बंद हो जाए तो उसके कर्मचारी को पीएफ अकाउंट से रुपये निकालने के लिए टैक्स नहीं भरना पड़ता है। साथ ही अगर आप पांच साल पूरे होने से पहले अपनी नौकरी बदल ली है और उस पीएफ अकाउंट को नई कंपनी के साथ मर्ज कर लिया है तो इसके लिए भी आपको कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा।
किसी कर्मचारी के सैलरी से 12 फीसदी की कटौती ईपीएफ अकाउंट के लिए होती है। एंप्लॉयर की तरफ से कर्मचारी की सैलरी में की गई कटौती का 8.33 फीसदी ईपीएस में जबकि 3.67 फीसदी ईपीएफ में पहुंचता है। आप घर बैठे आसानी से अपने पीएफ खाते का मौजूदा बैलेंस चेक करने के लिए ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं। First Updated : Friday, 19 May 2023