11 लाख करोड़ का घाटा: कश्मीर के खूनी खेल ने शेयर बाजार को जकड़ा
घाटी के पहलगाम क्षेत्र में आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है.शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, सेंसेक्स करीब 1200 अंक गिरा और निफ्टी लगभग 400 अंकों की गिरावट पर पहुंच गया. जिसकी वजह से निवेशकों को करीब 11 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया.

नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकवादी हमले ने न केवल देशवासियों को दहला दिया, बल्कि भारतीय शेयर बाजारों में भी भूचाल ला दिया. इस हमले के बाद से भारतीय वित्तीय बाजारों में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों का आत्मविश्वास बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही पिछले कुछ दिनों से गिरावट का सामना कर रहे हैं.
शेयर बाजार में भारी गिरावट: एक संकट की स्थिति
कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है. सेंसेक्स में लगभग 1200 अंकों की गिरावट आई, वहीं निफ्टी भी 400 अंकों तक नीचे चला गया. इस गिरावट ने बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में करीब 11 लाख करोड़ रुपये की कमी कर दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट केवल आतंकवादी हमले के कारण नहीं हुई, बल्कि वैश्विक और भू-राजनीतिक तनाव के चलते भी बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना है, जिससे निवेशकों में डर और सतर्कता बढ़ी है.
पाकिस्तान के एयरस्पेस पर संकट: बढ़ती यात्राओं की लागत
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस का उपयोग करना मुश्किल बना दिया है. इसका असर सीधा हवाई यात्राओं पर पड़ा है, क्योंकि अब अमेरिका और यूरोप जाने वाली फ्लाइट्स को अतिरिक्त समय और ईंधन की आवश्यकता होगी. इस कारण यात्राओं का खर्च 8 से 12 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा. इससे एयरलाइन कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर भी दबाव बढ़ेगा.
वित्तीय क्षेत्र पर असर: प्रमुख कंपनियों की गिरावट
भारतीय वित्तीय क्षेत्र में इस गिरावट का असर सबसे ज्यादा देखा गया है. प्रमुख कंपनियों जैसे एक्सिस बैंक, एसबीआई, और बजाज फाइनेंस के शेयरों में गिरावट आई है. इसके अलावा, हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियों के नतीजे भी निराशाजनक रहे हैं. इन कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद से कम आए, जिससे निवेशकों ने मुनाफा बुक करने की ओर कदम बढ़ाया.
निवेशकों के लिए सलाह: सतर्क रहना जरूरी
विश्लेषकों का कहना है कि इस समय निवेशकों को बहुत सतर्क रहना चाहिए. वैश्विक और क्षेत्रीय तनावों के कारण बाजार में जोखिम बढ़ गया है, हालांकि तकनीकी संकेतक यह दिखाते हैं कि बाजार में सुधार की संभावना भी हो सकती है. निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है और जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही किसी भी निवेश का निर्णय लेना चाहिए.
आगे की दिशा: सुधार की संभावना, पर बनाए रखें सतर्कता
हालांकि सरकार और रिजर्व बैंक की नीतियां आर्थिक सुधार की दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन निवेशकों का मनोबल गिरने से बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस समय सबसे महत्वपूर्ण यह है कि निवेशक सतर्क रहें और किसी भी प्रकार के निवेश में तेजी से कदम न बढ़ाएं. कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले ने निवेशकों के विश्वास को हिला दिया है, और अब जोखिम से बचने के लिए हर कदम बेहद सावधानी से उठाना होगा.


