MDH, एवरेस्ट मसालों से कैंसर हो सकता है? जांच करेगा भारत
MDH-Everest masala: ये फैसला तब लिया गया जब कैंसर पैदा करने वाले रसायन के कारण हांगकांग और सिंगापुर में दो मसाला निर्माताओं के कुछ उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
MDH-Everest masala: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) जल्द ही एमडीएच और एवरेस्ट मसालों के नमूनों की जांच शुरू कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत मसालों की जांच करेगा और देखेगा कि उससे कैंसर का खतरा है कि नहीं. ऐसा तब हुआ है जब कैंसर पैदा करने वाले रसायन के कारण हांगकांग और सिंगापुर में दो मसालों के कुछ प्रोडक्ट्स की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी.
भारत करेगा जांच
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने मसालों मसालों के नमूने लेगा और उसकी जांच कराएगा. हांगकांग और सिंगापुर में दो मसाला निर्माताओं के कुछ उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद ये मामला सुर्खियों में आया. 19 अप्रैल को, सिंगापुर ने एवरेस्ट के फिश करी मसाला को वापस लेने का आदेश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा थी.
एथिलीन ऑक्साइड मिलने का दावा
सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने कहा कि एथिलीन ऑक्साइड भोजन में उपयोग के लिए अधिकृत नहीं है और इसका उपयोग केवल माइक्रोबियल संदूषण को रोकने के लिए कृषि उत्पादों को धूमिल करने के लिए किया जाता है.
इससे पहले 5 अप्रैल को, हांगकांग ने भी खुलासा किया था कि उसने तीन एमडीएच उत्पादों - मद्रास करी पाउडर, मिश्रित मसाला पाउडर, और सांभर मसाला - और एवरेस्ट के फिश करी मसाला में एथिलीन ऑक्साइड का पता लगाया था.
एथिलीन ऑक्साइड मिलने का दावा
सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसने अपने नियमित खाद्य निगरानी कार्यक्रम के तहत चार मसालों के नमूने लिए जिसमें एथिलीन ऑक्साइड पाया गया. जानकारी के मुताबिक, ये इंसानी खाने में नहीं होना चाहिए, हांगकांग के नियम सुरक्षित सीमा से अधिक कीटनाशक अवशेषों वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाते हैं. हालांकि एमडीएच और एवरेस्ट ने अभी तक सार्वजनिक रूप से अपने उत्पादों में कार्सिनोजेन्स की रिपोर्ट का जिक्र नहीं किया है.