Mehul Choksi: 14,000 करोड़ के घोटाले से बैंकिंग धोखाधड़ी तक, भगोड़े जौहरी की कुटिल चालें
Mehul Choksi ने अपनी कुटिल चालों से PNB को 14,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाया, और यह घोटाला भारत के इतिहास के सबसे बड़े बैंकिंग धोखाधड़ी में से एक बन गया. एक समय का सफल हीरा व्यापारी और गीतांजलि जेम्स के मालिक चोकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर लेटर ऑफ़ अंडरटेकिंग (LoU) का दुरुपयोग किया, जिससे उसने वित्तीय धोखाधड़ी का पूरा नेटवर्क तैयार किया. 2011 से 2018 तक, चोकसी ने इस जालसाजी के जरिए देश की बैंकिंग प्रणाली को कमजोर कर दिया.

नई दिल्ली. भारत के सबसे बड़े जौहरी मैने जाने वाले मेहुल चोकसी का नाम अब आर्थिक अपराधी के तौर पर लिया जाता है. वह और उसा भतीजा नीरव मोदी, जिन्होंने एक साथ पंजाब नेशनल बैंक को लगभग 14,000 करोड़ रुपए का चूना लगाया है. उनके इस फ्राड के कारण बैंकिंग क्षेत्र हिल गया है. यह घोटाला भारत में बैंकिंग सेक्टर के सबसे बड़े धोखाधड़ी के रूप में माना जाता है. चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड और नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड को कच्चे हीरे आयात और निर्यात के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता थी.
इसके लिए वे पीएनबी से लोन या 'लेटर ऑफ अंडरटेकिंग' (LoU) प्राप्त करते थे. यह एक प्रकार की गारंटी थी, जिसे बैंक द्वारा जारी किया जाता था. बैंक के अधिकारी, जिनकी जिम्मेदारी था इन लेन-देन को सही तरीके से रिकॉर्ड करना, ने नियमों को नज़रअंदाज़ करते हुए बिना किसी उचित दस्तावेज के बार-बार इन कंपनियों को LoU जारी कर दिए.
पीएनबी में भ्रष्टाचार और घोटाले की फैलावट
पीएनबी के अधिकारियों ने स्विफ्ट नेटवर्क के ज़रिए विदेशी बैंकों को LoU भेजे, लेकिन इन लेन-देन को बैंक के मुख्य प्रणाली में रिकॉर्ड नहीं किया गया. इस तरह, बैंक के अन्य अधिकारियों और अधिकारियों को इसके बारे में कभी कोई जानकारी नहीं मिली. इसके परिणामस्वरूप, यह घोटाला लगातार बढ़ता गया, और नए LoU पुराने लोन चुकाने के लिए जारी होते रहे. कई सालों तक यह सिलसिला चलता रहा और घोटाले की रकम बढ़कर लगभग 14,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. जब 2018 में एक नए बैंक अधिकारी ने इन लेन-देन को रोक दिया और मामले की जांच शुरू की, तब यह घोटाला सामने आया.
भारत से फरार और नागरिकता परिवर्तन
जब घोटाले का पर्दाफाश हुआ, तो मेहुल चोकसी पहले ही देश छोड़ चुका था. उसने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली. नीरव मोदी ने लंदन में शरण ली. भारत सरकार ने इन दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच शुरू की. चोकसी की संपत्तियां जब्त कर दी गईं और उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया.
इंटरनेशनल कानूनी विवाद और गिरफ्तारी
2021 में, मेहुल चोकसी को डोमिनिका में उस में गिरफ्तार किया गया, जब वह कथित तौर पर क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था. चोकसी ने दावा किया कि उसे अपहरण और जोनमनिका लाया गया. इस घटना ने एक इंटरनेशनल कानूनी विवाद को जन्म दिया. भारत सरकार अब भी उसे प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है, और उसके खिलाफ कानूनी एक्शन जारी है, मेहुल चोकसी का यह घोटाला न केवल भारत के बैंकिंग क्षेत्र की नाकामी को उजागर करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के कारण कैसे एक शख्स पूरी प्रणाली का फायदा उठा सकता है.