1350 करोड़ के घोटाले का आरोपी चोकसी काबू, बेल्जियम की जेल से लौटेगा हिंदुस्तान?
भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है, जो भारतीय अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। लंबे समय से फरार चोकसी की गिरफ्तारी भारत की न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब, भारत उसकी प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने की योजना बना रहा है, ताकि उसे उसके घोटाले के लिए कड़ी सजा दिलवाई जा सके।

नई दिल्ली. हीरा कारोबारी और आर्थिक अपराध के फरार आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है जब भारत सरकार उसकी वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी. माना जा रहा है कि इस एक्शन से भारत को प्रत्यर्पण की दिशा में अहम सफलता मिली है. मेहुल चौकसी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का मुख्य आरोपी है। उसके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने कई मामले दर्ज किए हैं। खबरों के अनुसार, चौकसी की गिरफ्तारी भारत की एजेंसियों द्वारा बेल्जियम को भेजे गए अनुरोध के बाद हुई है।
पत्नी की नागरिकता बनी ठिकाने की वजह?
बताया जा रहा है कि चोकसी की पत्नी प्रीति चौकसी बेल्जियम की नागरिक हैं, और इस वजह से वह वहां छिपकर रह रहा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि उसने वहां रहने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था, ताकि भारत प्रत्यर्पण से बचा जा सके।
जमानत में देरी, एजेंसियां सक्रिय
चोकसी को बीते शनिवार गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल उसे बेल्जियम की अदालत से जमानत मिलने की उम्मीद कम है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, एजेंसी बेल्जियम अधिकारियों के साथ मिलकर प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर तेजी से काम कर रही है।
नीरव मोदी भी है जांच के घेरे में
पीएनबी घोटाले में मेहुल चौकसी के साथ उसका भतीजा नीरव मोदी भी आरोपी है। नीरव फिलहाल लंदन की एक जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। वर्ष 2022 में ईडी ने मेहुल, उसकी पत्नी और अन्य के खिलाफ तीसरी चार्जशीट भी दाखिल की थी।
एंटीगुआ से डोमिनिका तक का विवादित और चर्चित सफर
नीरव मोदी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी का सफर महज कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय साजिश और रहस्य से भरा विवाद बन चुका है। वर्ष 2018 में इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिससे वह वैश्विक निगरानी में आ गया। हालांकि, चौकसी को एक राहत उस समय मिली जब 2022 में यह नोटिस हटा लिया गया। इसके बावजूद, वह विवादों से दूर नहीं हो सका।
चौकसी गिरफ्तारी से जुड़ी कूटनीतिक चुनौतियां
अब जबकि चोकसी को बेल्जियम में हिरासत में लिया गया है, एक बार फिर यह मामला चर्चा मे है. यह देखना चिलचस्प होगा कि क्या भारत सरकार इस अवसर को भुना पाती है और क्या यह गिरफ्तारी किसी और सफल प्रत्यर्पण की दिशा में मजबूत कदम साबित हो सकती है. चोकसी ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंटों ने उसे जबरन एंटीगुआ से अगवा कर डोमिनिका पहुंचाया, जहां उसे हिरासत में लिया गया। यह आरोप अपने आप में अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक प्रक्रियाओं के लिए चुनौती बन गया। इस कथित अपहरण की खबरों ने दुनिया भर के मीडिया में हलचल मचा दी थी और मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मामले में अपनी चिंताएं जाहिर की थीं।