केंद्र सरकार की ओर से किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अन्न भंडारण योजना शुरू किया जा रहा है ये फैसला मोदी कैबिनेट की मीटिंग के दौरान लिया गया है। मोदी कैबिनेट के इस फैसले को किसानों के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस योजना के बारे में अपनी बयान दी है,उन्होंने कहा कि आज कैबिनेट बैठक में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के मंजूरी पर निर्णय लिया गया है। अभी तक देश में कुल 1450 लाख टन अन्नभंडारण की क्षमता है लेकिन अब सरकार ने 700 लाख टन भंडारण की क्षमता सहकारिता क्षेत्र में शुरू करने जा रही है, इस योजना में करीब एक लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, आने वाले पांच सालों में सहकारिता क्षेत्र में भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया जाएगा। इस योजना को पूरा होते ही भंडारण क्षमता 2,150 लाख टन हो जाएगी। इस योजना को केंद्रीय मंत्री ने विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बताई है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, इस योजना के अंतर्गत 2000 टन का अन्न भंडारण का गोदाम हर ब्लॉक में बनाया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि, मोदी सरकार के इस फैसले से अन्न की बर्बादी रुकेगी, क्योंकि मौजूदा समय में देश में बड़ी मात्रा में अनाज की बर्बादी भंडारण क्षमता की कमी के कारण हो रही है। वही इस योजना से अनाज भंडारण क्षमता में बढ़ोतरी तो होगी ही साथ ही ग्रामीण लोगों को रोजगार के भी अवसर मिलेंगे।
भारत में हर साल करीब 3,100 लाख टन खदानों का उत्पादन होता है लेकिन मौजूदा अन्न भंडारों में महज 47 प्रतिशत ही उत्पादन का भंडार हो सकता है। First Updated : Wednesday, 31 May 2023