Paytm: मार्च की इस तारीख के बाद Paytm पेमेंट्स बैंक में जमा नहीं होंगे पैसे, जानें ये नए बदलाव
Paytm Crisis: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब में कहा है कि आप अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते में अपने वेतन सहित कोई भी क्रेडिट प्राप्त नहीं कर पाएंगे.
Paytm Crisis: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों के हितों को देखते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक में पैसे जमा करने की समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी है. इससे पहले इसके लिए आखिरी तारीख 29 फरवरी थी. साथ में आरबीआई ने ग्राहकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवालों की एक सूची भी जारी की. जिसमें कई सवालों के जवाब दिए गए हैं. आरबीआई ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि 15 मार्च के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के माध्यम से भागीदार बैंकों के साथ कोई नई जमा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि 15 मार्च के बाद, आप अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते में अपने वेतन सहित कोई भी क्रेडिट प्राप्त नहीं कर पाएंगे. इस तिथि से पहले ग्राहकों को किसी अन्य बैंक के साथ वैकल्पिक व्यवस्था करने की सलाह दी जाती है.
15 मार्च के बाद भी जारी रहेंगे डेबिट कार्ड
रिजर्ब बैंक ने अन्य एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है कि आप उपलब्ध शेष राशि तक अपने खाते से धनराशि का उपयोग, निकासी या हस्तांतरण के लिए कर सकते हैं. यही बात उपलब्ध शेष राशि के भीतर निकासी या स्थानांतरण के लिए आपके डेबिट कार्ड पर भी लागू होती है. वहीं, 15 मार्च 2024 के बाद आपके खाते में जमा की अनुमति नहीं दी जाएगी. केवल ब्याज, कैशबैक, साझेदार बैंकों से स्वीप-इन या रिफंड जैसे क्रेडिट ही जमा किए जा सकते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों द्वारा पूछे गए सवाल, क्या 15 मार्च के बाद अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते में रिफंड मिल सकता है? के जवाब में कहा है कि हां, रिफंड, कैशबैक, साझेदार बैंकों से स्वीप-इन या ब्याज 15 मार्च के बाद भी आपके खाते में जमा किया जा सकता है.
ये सुविधाएं रहेंगी चालू
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के माध्यम से स्वचालित रूप से भुगतान गए मासिक बिजली बिल और ओटीटी सब्सक्रिप्शन 15 मार्च के बाद भी जारी रहेंगे. बिजली बिल और ओटीटी सदस्यता जैसे स्वचालित भुगतान तब तक जारी रहेंगे जब तक आपके खाते में शेष राशि उपलब्ध नहीं होगी. हालांकि, 15 मार्च के बाद आपके खातों में क्रेडिट या जमा की अनुमति नहीं होगी. इस तिथि से पहले किसी अन्य बैंक के माध्यम से वैकल्पिक व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया है.