यदि आप भी किसी वाहन के मालिक (vehicle owner) हैं तो यह खबर आपके बेहद काम की है। यूं तो भारत में वाहन का बीमा यानी थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस (motor insurance) कराना सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया है, लेकिन बीमा उद्योग के अनुसार देश में 54 प्रतिशत वाहन अभी भी बिना इंश्योरेंस के हैं। ऐसे में सरकार सभी वाहनों का बीमा सुनिश्चित करना चाहती है और इसके लिए वह एक सख्त निर्णय ले सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीमा उद्योग ने सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें लिखा गया है कि जिन वाहनों का बीमा नहीं हो, उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन (fuel) भरने की अनुमति नहीं दी जाए।
इसके साथ ही, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने पेट्रोल पंपों पर एक ऐसी एप्लीकेशन लगाने की पेशकश की है, जो कैमरा स्कैनर की मदद से फ्यूल भराने आने वाले वाहनों को स्कैन कर उनका बीमा स्टेटस बता सकेगी। यह एप्लीकेशन mParivahan से रजिस्टर्ड और सिंक्रोनाइज होगी। यदि यह प्रस्ताव सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो वाहन का इंश्योरेंस नहीं होने पर आप petrol, diesel, CNG और LPG नहीं भरा पाएंगे।
सरकार नियमों में बदलाव कर यातायात पुलिसकर्मियों (traffic policemen) को वाहन का बीमा करने का अधिकार भी दे सकती है। पुलिसकर्मी बिना इंश्योरेंस वाले वाहन को पकड़ कर उसका ऑन द स्पॉट इंश्योरेंस कर सकते हैं। सरकार यह व्यवस्था इसलिए लागू करना चाहती है ताकि वाहन दुर्घटनाओं के शिकार व्यक्तियों को इलाज के लिए थर्ड पार्टी बीमा पॉलिसी से क्लेम मिल सके।
अक्सर वाहन मालिक नई गाड़ी खरीदते समय उसका इंश्योरेंस कराते हैं, लेकिन उसे फिर से रिन्यू नहीं कराते। यहां आपको बताना चाहेंगे कि वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है, बीमा कराए बिना वाहन चलाना गैरकानूनी (illegal) है। यदि बीमा कराए बिना वाहन को चलाते हैं तो चालान कट सकता है और आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
वाहन बीमा बेहद उपयोगी और जरूरी है। यह आपको और आपके वाहन को आर्थिक और कानूनी जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करती है। यदि आपका व्हीकल किसी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाता है, चोरी (theft) चला जाता है, आगजनी का शिकार होता है या आपके वाहन से कोई मानवीय हानि (human loss) होती है तो मोटर इंश्योरेंस ही आपको आर्थिक सहारा देता है।
मार्केट में कई बीमा कंपनियां मोटर इंश्योरेंस उपलब्ध करा रही हैं। जब भी वाहन बीमा कराएं, कंपनी का क्लेम सैटलमेंट रेशो जरूर देखें। साथ ही पॉलिसी के फीचर्स, प्रीमियम राशि, कवरेज की स्थिति और पॉलिसी की शर्तें जरूर पढ़ लें। कई कंपनियों की पेशकश में कम्पेयर भी करें ताकि कम कीमत पर आपको पॉलिसी मिल सके। policy document को भी सही से जांच लें कि नाम, व्हीकल चेसिस नंबर, नॉमिनी आदि किसी जानकारी में कोई अंतर तो नहीं। बीमा उपभोक्ताओं को पूरी तरह सही क्लेम मिल सके और धोखाधड़ी रोकी जा सके, इसके लिए IRDAI ने इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय अब KYC कराना अनिवार्य कर दिया है।
टू-व्हीलर (two wheeler), फोर-व्हीलर (four wheeler), कमर्शियल व्हीकल में वाहन जिस श्रेणी का होता है, उसी अनुसार पॉलिसी ली जाती है। हालांकि फीचर्स के आधार पर यह अनिवार्य यानी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, जीरो डेप्थ जैसी श्रेणियों में उपलब्ध है।
वर्तमान में बीमा कंपनियां अनिवार्य बीमा के अलावा उपयोग के आधार पर एड ऑन चुनने की सुविधा वाहन मालिकों को दे रही हैं। इसमें आपकी ड्राइविंग डिस्टेंस के आधार पर 'pay as you drive', वाहन चलाने की आदतों के आधार पर 'pay how you drive' एड ऑन चुने जा सकते हैं। वहीं आपके परिवार में कई गाड़ियां हैं तो आप family floater प्लान के तहत सभी गाड़ियों को एक ही पॉलिसी में कवर कर सकते हैं। एड ऑन का लाभ आपको कम प्रीमियम के रूप में होता है, यानी जैसी जरूरत वैसा भुगतान। यहां आपको यह बताना बेहद जरूरी होगा कि व्हीकल का इंश्योरेंस एक्सपायर होने से पहले ही पॉलिसी रिन्यू करा लें, ताकि किसी प्रकार का जोखिम आने पर आसानी से क्लेम मिल सके। First Updated : Friday, 07 April 2023