शार्क टैंक के जजों को पीयूष गोयल का ठंडा इशारा, आइसक्रीम के बहाने छलका व्यंग्य!
पीयूष गोयल विवाद: भारतीय स्टार्टअप्स के ‘फैंसी आइसक्रीम’ और फूड डिलीवरी ऐप्स पर बढ़ते फोकस को उजागर करते हुए, पीयूष गोयल ने चीन से तुलना कर डीप-टेक में अधिक नवाचार की जरूरत पर जोर दिया. गोयल ने 'स्टार्टअप महाकुंभ 2025' में बिना कोई संकोच किए शार्क टैंक के जजों से अपने व्यापार मॉडल पर पुनर्विचार करने को कहा और उन्हें मूल्य-आधारित स्टार्टअप्स का समर्थन करने की अपील की.

प्रसिद्ध रियलिटी शो 'शार्क टैंक' भारत में स्टार्टअप संस्कृति पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के तीव्र आलोचनात्मक बयान का केंद्र बन गया. गोयल ने गुरुवार को भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा "फैंसी आइस क्रीम" और फूड डिलीवरी ऐप्स पर ध्यान केंद्रित करने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई और चीन का उदाहरण देते हुए गहरे तकनीकी और एआई में अधिक नवाचार की आवश्यकता की बात की.
व्यापार मॉडल पर पुनर्विचार
गोयल ने 'स्टार्टअप महाकुंभ 2025' में बिना कोई संकोच किए शार्क टैंक के जजों से अपने व्यापार मॉडल पर पुनर्विचार करने को कहा और उन्हें मूल्य-आधारित स्टार्टअप्स का समर्थन करने की अपील की. उन्होंने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी बोट के सीईओ अमन गुप्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अमन गुप्ता, शार्क टैंक में अपना दृष्टिकोण बदलें.
गोयल ने यह भी उल्लेख किया कि कुछ स्टार्टअप्स जो "billionaire बच्चों" द्वारा स्थापित किए गए हैं, लग्जरी खाद्य पदार्थों जैसे फैंसी जीरो ग्लूटन-फ्री आइसक्रीम और कुकीज़ पर ध्यान दे रहे हैं. हालांकि उन्होंने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन सवाल उठाया, क्या यही भारत का भविष्य है हेल्दी आइ क्रीम, जीरो ग्लूटन-फ्री, वेगन?
वास्तविकता चेक की आवश्यकता
गोयल ने यह स्पष्ट किया कि भारतीय स्टार्टअप्स को एक वास्तविकता चेक की आवश्यकता है. चीन के ए.आई. और सेमीकंडक्टर्स में नेतृत्व की ओर इशारा किया. उन्होंने विशेष रूप से गो जीरो आइसक्रीम ब्रांड का जिक्र किया, जिसमें अमन गुप्ता ने निवेश किया था. यह ब्रांड शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में एक डील पाने में सफल रहा था.
विकास के लिए पूंजी और पारिस्थितिकी तंत्र की कमी
गोयल की टिप्पणी के बाद, शार्क टैंक के जज अनुपम मित्तल ने यह बताया कि गहरे तकनीकी क्षेत्र में विकास के लिए पूंजी और पारिस्थितिकी तंत्र की कमी है. वहीं, पूर्व शार्क टैंक जज अश्नीर ग्रोवर ने गोयल के बयान पर सीधा जवाब दिया कि भारत में केवल राजनेताओं को ही रियलिटी चेक की जरूरत है, बाकी सभी लोग असली भारत की वास्तविकता में जी रहे हैं. ग्रोवर ने यह भी कहा कि सरकार को 10% आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि आज के रोजगार सृजनकर्ताओं पर उंगली उठाने के बजाय.