देश में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग को गहरा करने की अपनी निरंतर कोशिश के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को UPI लाइट के लिए प्रति लेनदेन सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. ऑफलाइन माध्यम से एक बार में भुगतान की सीमा को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव किया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति बैठक के बाद की टिप्पणी में कहा,“छोटे मूल्य के लेनदेन के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण की आवश्यकता को हटाकर ये चैनल रोजमर्रा के छोटे मूल्य के भुगतान पारगमन भुगतान आदि के लिए भुगतान के तेज़ विश्वसनीय और संपर्क रहित तरीके को सक्षम करते हैं. तब से, इन सीमाओं को बढ़ाने की मांग की जा रही है. भुगतान के इस तरीके को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करने और अधिक उपयोग के मामलों को इस मोड में लाने के लिए अब प्रति लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव है.”
भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई भुगतान प्रणाली बेहद लोकप्रिय हो गई है और इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है.
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) भारत की मोबाइल-आधारित तेज भुगतान प्रणाली है, जो ग्राहकों को ग्राहक द्वारा बनाए गए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग करके, चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान करने की सुविधा देती है.
दास ने कहा, "यह सुविधा न केवल उन स्थितियों में खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम करेगी जहां इंटरनेट/दूरसंचार कनेक्टिविटी कमजोर है या उपलब्ध नहीं है, बल्कि यह न्यूनतम लेनदेन गिरावट के साथ गति भी सुनिश्चित करेगी."
यूपीआई-लाइट को बैंकों के लिए प्रसंस्करण संसाधनों को अनुकूलित करने के लिए सितंबर 2022 में लॉन्च किया गया था, जिससे लेनदेन विफलताओं को कम किया जा सके. उत्पाद ने लोकप्रियता हासिल की है और वर्तमान में प्रति माह दस मिलियन से अधिक लेनदेन की प्रक्रिया करता है. First Updated : Thursday, 10 August 2023