RB Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के फैसले सामने आ गए हैं. गवर्नर शक्तिकांत दास ने दो दिवसीय बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसका मतलब यह है कि आपके लोन की ईएमआई न तो बढ़ेगी और न ही घटेगी. यह लगातार 10वीं बार है जब RBI ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा है. फिलहाल ये 6.50% पर स्थिर है. वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35% और बैंक रेट 6.75% पर बना हुआ है.
RBI गवर्नर ने जानकारी दी कि MPC की इस बैठक में 3 नए सदस्य शामिल हुए हैं. वैश्विक परिस्थितियों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने के बाद, 6 में से 5 सदस्यों ने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया। इसके साथ ही, नीतिगत रुख को "विद्ड्रॉल ऑफ अकमॉडेशन" से बदलकर "न्यूट्रल" कर दिया गया है.
RBI की मौद्रिक नीति समिति हर दो महीने में बैठक करती है, जिसमें केंद्रीय बैंक गवर्नर और छह सदस्य महंगाई और अन्य आर्थिक पहलुओं पर विचार करते हैं. रेपो रेट का सीधा संबंध बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. रेपो रेट में कमी से लोन की ईएमआई घट जाती है, जबकि बढ़ोतरी से यह बढ़ जाती है. रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक, वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है.
फिलहाल रेपो रेट 6.50% पर स्थिर है. इससे पहले, मई 2022 से फरवरी 2023 तक जब मुद्रास्फीति 7% से अधिक हो गई थी, RBI ने रेपो रेट को कई बार बढ़ाया था. उस दौरान कुल 2.5% की वृद्धि की गई थी. हालांकि, उसके बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
आरबीआई के रेपो रेट को स्थिर रखने के फैसले का सकारात्मक असर शेयर बाजार पर देखने को मिला. मिडिल ईस्ट में तनाव के बावजूद यह खबर बाजार को उत्साहित करने वाली साबित हुई. BSE सेंसेक्स 411 अंकों की तेजी के साथ 82,046.48 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 25,190 अंक के पार निकल गया.