Rice Price : केंद्र सरकार ने ई-नीलामी के नियमों में किया बदलाव, अब 2 हजार टन खरीद सकते हैं चावल
Rice Price Hike : सरकार ने ई-नीलामी के नियमों में बदलाव किया है. जिससे महंगाई को काबू करने में थोड़ी राहत मिलेगी. इस फैसले से चावल और गेहूं की कीमतें कम होने में मदद मिलेगी.
Rice Price Hike : देश में बढ़ती महंगाई ने आम नागरिकों का हाल-बेहाल कर दिया है. खाद्य सामग्रियों की कीमतों में लगातार उछाल दर्ज किया जा रहा है. सब्जियों के दाम तो आसमान छू रहे हैं. जनता को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार लगातार नए-नए फैसले ले रही है. अब सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने ई-नीलामी के नियमों में बदलाव किया है. जिससे महंगाई को काबू करने में थोड़ी राहत मिलेगी और लोगों को कम दाम में अनाज उपलब्ध होगा.
ई-नीलामी के बदले नियम
भारतीय खाद्य निगम (FCI) बाजार में अनाजों की उपलब्धता बढ़ाने व मुद्रस्फीति को कम करने के लिए ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं और चावल को खुले बाजार में बेचता है. अब नियमों के बदलाव में बोलीदाताओं को छूट दी गई है. ई-नीलामी के नए नियमों के अनुसार अब कोई भी खरीददार एक टन से 2000 टन तक किसी भी मात्रा में चावल के लिए बोली लगा सकता है. अभी तक सिर्फ दस से एक हजार टन ही चावल के लिए बोली लगाने की अनुमति थी.
गेहूं और चावल का इतना है स्टॉक
अब तक 25 ई-नीलामी के जरिए खुला बाजार बिक्री योजना के तहत 48.12 लाख टन गेहूं बेचा गया है. वहीं चावल सिर्फ 1.91 लाख टन ही बेचा गया है. जानकारी के अनुसार एफसीआई के पास गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक है. गेहूं 181.79 लाख टन और चावल 182.86 लाख टन है.
2023-24 में अबतक 237.43 लाख टन चावल के बराबर धान की खरीदारी की जा चुकी है. बता दें चावल की बिक्री को बढ़ाने के लिए दो बार नियमों में बदलाव किया जा चुका है. पहले चावल का दाम 3,100 रुपये प्रति क्विंटल से कम करके 2,900 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था.