Adani- Hindenburg मामले में SC कमेटी की रिपोर्ट, कहा पहली नजर में नहीं हुआ कोई फर्जीवाड़ा,सेबी करेगी आगे की जांच
24 जनवरी2023 को Hindenburg ने अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके बाद निवेशकों में हड़कंप मच गया था। नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली रिपोर्ट में अडानी ग्रुप परकर्ज और गौतम अडानी ग्रुप पर कर्ज और गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में हेर-फेर समेत 88 गंभीर आरोप लगाए गए थे।
शुक्रवार को अडानी और हिडनबर्ग मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। आपको बता दें कि 24 जनवरी 2023 को अमेरिका के शॉर्ट सेलिंग फर्म हिडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवर वैल्यूड बताया था और अकाउंट्स में भी हेर फेर करने का गंभीर आरोप लगाया था। लेकिन हिडन बर्ग के आरोपों को अडानी समूह ने खारिज कर दिया था हालांकि विपक्ष दल ने इस मुद्दे को लेकर जमकर बवाल मचाया और मामले को सुप्रीम कोर्ट तक घसीट कर ले गया। जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इस रिपोर्ट के जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन किया था। वही इस कमेटी की रिपोर्ट आज सामने आ चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि, अडानी समूह ने सभी लाभकारी मालिकों का खुलासा किया है। साथ ही ये भी कहा है कि सेबी ने अडानी के लाभकारी मालिकों की घोषणा को खारिज करने का भी कोई आरोप नहीं लगाया है। वही हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी के रिटेल हिस्सेदारी में काफी इजाफा देखने को मिला है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि मौजूदा नियमों या कानूनों का प्रथम दृष्टयता के स्तर पर किसी भी तरह का उल्लंघन नहीं किया गया है ।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सेबी के पास अभी भी 13 विदेशी संस्थाओं और प्रबंधन के तहत संपत्ति के लिए 42 योगदानकर्ताओं के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। रिपोर्ट ने सेबी पर यह तय करने के लिए छोड़ा है कि, क्या 13 संस्थाओं जिनकी जांच लंबित है या उसमें क्या कोई और मामला बनाया जाएगा।
वही रिपोर्ट में ईडी के मामले के बारे में बताते हुए सेबी ने प्रथम दृष्टया कोई आरोप नहीं लगाया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष कमेटी ने अपने रिपोर्ट में कहा कि सभी जांच को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की जरूरत है, पैनल वर्तमान में निष्कर्ष नहीं निकाल सकता है कि कीमतों में हेरफेर के आरोप में नियामक विफलता है रही है या नहीं। भारत के बाजार नियामक ने समूहों की संस्थाओं के स्वामित्व के संबंध में अपनी जांच निष्कर्ष पेश की है। अडानी ग्रुप के शेयरों में अस्थिरता वाकई में बहुत ज्यादा थी जिसके कारण हिडनबर्ग की रिपोर्ट और उसके परिणाम है।