हिंडनबर्ग के आरोपो को SEBI ने किया खारिज, कहा- 'हमारी वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है'
बीते दिन हिंडनबर्ग रिसर्च ने SEBI पर आरोप लगाया है कि SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास अडानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़ी अपतटीय संस्थाओं में हिस्सेदारी है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की नवीनतम रिपोर्ट में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है.
अमेरिका स्थित निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को सोशल मीडिया पर भारत के लिए एक बड़ी चेतवानी दी थी. वहीं उसके कुछ घंटे बाद आरोप लगाया है कि SEBIप्रमुख माधवी पुरी बुच और धवल बुच के पास अडानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़ी अपतटीय संस्थाओं में हिस्सेदारी है. हालांकि, सेबी प्रमुख और उनके पति ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोपों को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि, 'हमारी वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है'.
"व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों" का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये संस्थाएं गौतम के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा "पैसे की हेराफेरी" के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नेटवर्क का हिस्सा थीं. इसने आगे तर्क दिया कि संभावित हितों के टकराव के कारण अडानी समूह के खिलाफ जांच करने में सेबी की निष्पक्षता 'संदिग्ध' है. जवाब में, बुच्स ने एक बयान में कहा कि आरोप झूठे हैं और उनका जीवन और वित्तीय स्थिति खुली किताब है.
पीटीआई के रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, "हमारे खिलाफ 10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, हम यह कहना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं. बयान में आगे कहा गया है, "इनमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है. सभी जरूरी खुलासे पहले ही SEBI को सालों से उपलब्ध कराए जा चुके हैं."
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें किसी भी और सभी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें उस समय से संबंधित दस्तावेज भी शामिल हैं जब वे "पूरी तरह से निजी नागरिक" थे, किसी भी अधिकारी के समक्ष जो उन्हें मांग सकता है.
गौरतलब है कि, जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी पर कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी ठगी' करने का आरोप लगाया था. उन्होंने भी इस आरोप को खंडन किया था लेकिन उस दौरान भारी नुकसान झेलना पड़ा था. इस रिपोर्ट के बाद उनकी नेटवर्थ आधी रह गई थी. शेयर मार्केट में उनके शेयर काफी नीचे गिर गए थे. वहीं हिंडनबर्ग ने फिर से SEBI पर इल्जाम लगाया है.