आईटी सेक्टर में मंदी के संकेत, 10 टॉप कंपनियों का मार्केट कैप 88 हजार करोड़ घटा
आईटी सेक्टर में मंदी के संकेत स्पष्ट होने लगे हैं, और इसके असर से टॉप 10 आईटी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 88 हजार करोड़ रुपये तक घट गया है. इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे निवेशकों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं.

शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं, और आंकड़ों के मुताबिक निवेशकों के चेहरे पर मंदी का डर साफ नजर आ रहा है. खासकर आईटी स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिल रही है. कुछ कंपनियों के शेयर अपने पीक से 16% से लेकर 33% तक गिर चुके हैं. इस वजह से भारत की टॉप 10 आईटी कंपनियों की कुल वैल्यूएशन में 88 हजार करोड़ रुपये की गिरावट आई है. इन 10 कंपनियों में से आठ मंदी का सामना कर रही हैं, जिनमें इंफोसिस, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा शामिल हैं. सबसे ज्यादा गिरावट एलटीआईमाइंडट्री में देखने को मिली है, जो 33% गिर चुका है. वहीं विप्रो ने थोड़ी बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन फिर भी 16% नीचे है.
गुरुवार को शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट आई है. निफ्टी अपने पीक से करीब 15% नीचे है, और सेंसेक्स भी 13% से ज्यादा नीचे आ चुका है. हालांकि मार्च महीने में सेंसेक्स में 630 अंक का इजाफा हुआ है, लेकिन जिस तरह से गिरावट हो रही है, उससे यह लग रहा है कि सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार छठे महीने भी गिरावट हो सकती है.
आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के कारण
अमेरिका में मंदी की आशंका
राजस्व वृद्धि का कमजोर अनुमान
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय आईटी कंपनियों के लिए राजस्व वृद्धि का अनुमान 1-2% घटा दिया है. इसका मतलब यह है कि आईटी कंपनियों की वृद्धि दर काफी धीमी हो सकती है. अमेरिका की अर्थव्यवस्था में नरमी और कमजोर जीडीपी वृद्धि के कारण भारतीय आईटी कंपनियों के लिए आने वाले समय में मध्यम वृद्धि का अनुमान है.
एआई का खतरा
एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के तेजी से विकास के कारण आईटी इंडस्ट्री में नई चुनौतियां आ रही हैं. जनरेटिव एआई (जेनएआई) के बढ़ते इस्तेमाल से सॉफ्टवेयर निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है. इससे मौजूदा कंपनियों को नुकसान हो सकता है.
वैल्यूएशन का मुद्दा
हाल ही में हुए करेक्शन के बावजूद, निफ्टी आईटी का पी/ई रेश्यो निफ्टी के पी/ई की तुलना में ज्यादा है. इसके बावजूद, आईटी कंपनियों का वैल्यूएशन पिछले पांच सालों के औसत से अभी भी ज्यादा है, खासकर कोविड-19 के दौरान.
फेड रेट में कटौती की उम्मीदें कम होना
अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है, जिससे आईटी कंपनियों की समस्याएं बढ़ रही हैं. महंगाई के चलते फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करने में देर कर सकता है, जो आईटी कंपनियों के लिए नकारात्मक संकेत है.