क्रेडिट कार्ड से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने 16 साल पुराने एक फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने कहा था कि क्रेडिट कार्ड के बकाये पर ज्यादा ब्याज लिया जाना गलत है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, अब बैंक क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि पर 30 फीसदी से अधिक ब्याज ले सकते हैं. यह मामला सिटीबैंक, अमेरिकन एक्सप्रेस, एचएसबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक द्वारा 2008 में NCDRC के फैसले के खिलाफ दायर अपील से जुड़ा था. एनसीडीआरसी ने 36 से 49 फीसदी तक ब्याज को बहुत अधिक बताया था.
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी की टिप्पणी को गलत बताते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के तहत बैंकों को ब्याज दर तय करने का अधिकार है. कोर्ट ने यह भी कहा कि NCDRC को बैंक और ग्राहकों के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव करने का अधिकार नहीं है. इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि बैंकों ने क्रेडिट कार्ड धारकों को धोखा देने के लिए कोई गलत जानकारी नहीं दी थी.
कोर्ट ने यह भी कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत बैंकों को ब्याज दर तय करने का अधिकार RBI के पास है. किसी और को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. यदि बैंकों ने अनुचित शर्तें नहीं लगाई हैं, तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. First Updated : Friday, 27 December 2024