भारत में लॉन्च की तैयारी में Tesla! मुंबई के BKC में पहला शोरूम फाइनल, दिल्ली में भी खुलेगा दूसरा सेंटर
टेस्ला की भारत में एंट्री लंबे समय से चर्चा में है, लेकिन अब यह हकीकत के करीब नजर आ रही है. एलन मस्क मुंबई और दिल्ली में शोरूम खोलने की तैयारी कर रहे हैं. यह डील देश में किसी भी कमर्शियल स्पेस के लिए सबसे महंगे लीज रेंट में से एक मानी जा रही है. आने वाले महीनों में टेस्ला की गाड़ियां भारतीय सड़कों पर दौड़ती नजर आ सकती है.

अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला (Tesla) ने भारत में अपने लॉन्च की ओर एक बड़ा कदम बढ़ा लिया है. कंपनी ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में अपना पहला शोरूम खोलने के लिए करार कर लिया है. यह डील देश में किसी भी कमर्शियल स्पेस के लिए सबसे महंगे लीज रेंट में से एक मानी जा रही है.रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला का यह शोरूम 4,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला होगा, जहां कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक कारों का प्रदर्शन करेगी.
कंपनी ने इस स्पेस के लिए लगभग 900 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से लीज तय की है, जिससे इसका मासिक किराया करीब 35 लाख रुपये होगा. टेस्ला ने यह लीज पांच साल के लिए साइन की है और जल्द ही दिल्ली के एरोसिटी कॉम्प्लेक्स में अपना दूसरा शोरूम भी खोलने की योजना बना रही है.
PM मोदी से मुलाकात के बाद तेज हुई टेस्ला की भारत एंट्री
इस डील को लेकर चर्चाएं उस वक्त और तेज हो गईं जब कुछ हफ्ते पहले टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात की थी. इसके बाद भारत में टेस्ला के लिए 13 नौकरियों की लिस्टिंग जारी की गई, जिससे कंपनी की भारतीय बाजार में एंट्री को लेकर अटकलें और मजबूत हो गईं.
जल्द लॉन्च हो सकती हैं टेस्ला की कारें
फरवरी 2025 में हुए इन दो बड़े कदमों से यह संकेत मिल रहे हैं कि टेस्ला आने वाले महीनों में भारत में आधिकारिक लॉन्च कर सकती है. इस दौरान भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (India-US Bilateral Trade Agreement) को लेकर भी ज्यादा स्पष्टता आ सकती है.
भारत में टेस्ला के सामने बड़ी चुनौती
भारत सरकार वर्तमान में विदेशी कारों पर 110% का भारी आयात शुल्क लगाती है, जिसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पहले भी मुद्दा बना चुके हैं. ट्रंप का कहना था कि इतनी ऊंची टैरिफ दरों की वजह से टेस्ला को भारत में प्लांट लगाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.
एलन मस्क ने की कम टैक्स की मांग की
एलन मस्क लंबे समय से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क कम करने की मांग कर रहे हैं. उनकी प्रतिक्रिया के बाद भारत सरकार ने एक नई पॉलिसी का ड्राफ्ट भी तैयार किया था. अगर टेस्ला भारत में अपने कारखाने की योजना बनाती है, तो यह देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में क्रांति ला सकता है.
Tesla की भारत में एंट्री से क्या होगा बदलाव
1. इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट को बढ़ावा: टेस्ला की एंट्री से भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ सकती है.
2. नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन: टेस्ला के एडवांस EV मॉडल्स से भारत में ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी में बड़ा बदलाव आ सकता है.
3. स्थानीय उत्पादन की संभावना: अगर सरकार टेस्ला की मांगों को स्वीकार करती है, तो कंपनी भारत में अपना प्लांट लगा सकती है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
क्या भारत में मिलेगी टेस्ला को सरकार की छूट?
अभी तक सरकार ने टेस्ला को कोई खास रियायत नहीं दी है, लेकिन अगर कंपनी यहां मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए तैयार होती है, तो उसे कई तरह के टैक्स बेनेफिट्स मिल सकते हैं. आने वाले महीनों में सरकार और टेस्ला के बीच इस मुद्दे पर बातचीत और तेज हो सकती है.
टेस्ला को टक्कर देने कौन-कौन हैं तैयार?
भारत में टेस्ला की एंट्री से घरेलू EV कंपनियों के लिए भी चुनौती बढ़ सकती है. टाटा मोटर्स, महिंद्रा, और MG मोटर जैसी कंपनियां पहले से ही इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में मौजूद हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि टेस्ला भारतीय बाजार में कैसे प्रतिस्पर्धा करती है.