देश में खाद्य सामग्री की कीमतें दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। बढ़ती महंगाई से आम आदमी परेशान। दालों के प्राइस भी आसमान छू रहे हैं। जिससे लोगों की किचन का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। दालें बहुत अधिक दाम में बाजार में बिक रही है, इनमें सबसे ज्यादा प्राइस अरहर और उड़द दाल के हैं।
दालों की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार बहुत अहम कदम उठाने वाली है। जिसका लाभ देश के आम लोगों को होगा और दाल सस्ती कीमतों पर मिलने लगेंगी।
शुक्रवार 2 जून को केंद्र सरकार ने थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिलरों के पास अक्टूबर तक के लिए रखी अरहर और उड़द दाल पर स्टॉक सीमा लगाई है। जिससे जमाखोरी कम होगी, साथ ही सरकार के स फैसले से अरहर और उड़द के दाम कम हो सकते हैं। जिसके बाद लोगों को कम कीमत में दाल मिल सकती है।
देश में अरहर दाल और उड़द दाल की कीमतों से लोग परेशान हैं। जिसे कम करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय की तरफ से दालों की जमाखोरी पर रोक के लिए आदेश जारी किया है। बता दें शुक्रवार को 1 किलो अरहर दाल का एवरेज रिटेल दाम 19 प्रतिशत बढ़कर 122.68 रुपये और उड़द दाल का एक किलोग्राम प्राइस 5.26 फीसदी बढ़कर 110.58 हो चुका है।
शुक्रवार को उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि 31 अक्टूबर 2023 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अरहर और उड़द के लिए स्टॉक सीमा तय की गई है। इसके तहत थोक विक्रेताओं के लिए तूर और उड़द की स्टॉक सीमा 200 टन, खुदरा विक्रेताओं और रिटेल शॉपर्स के लिए पांच टन, और बड़े रिटेल विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 टन की स्टॉक लिमिट निर्धारित की गई है। First Updated : Saturday, 03 June 2023