ट्रंप की 'दवा' ने शेयर बाजार को मारा झटका, निवेशकों को हुआ 19 लाख करोड़ का नुकसान!
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ फैसले ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को बुरी तरह से प्रभावित किया. भारत में भी बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में 5% तक गिरावट आई, जिससे निवेशकों को 19 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ. चीन की जवाबी कार्रवाई और मंदी का डर बाजार को और कमजोर कर रहे हैं. क्या इस संकट का असर भारत की GDP पर पड़ेगा? जानिए बाजार में क्या हो रहा है और निवेशकों को क्या कदम उठाने चाहिए इस पूरी खबर में!

Trump's Tariff Crisis: हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा टैरिफ (कर) लगाने के फैसले के बाद से भारतीय और दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है. ये गिरावट इस हद तक गहरी हो गई कि निवेशकों को एक ही दिन में 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. ट्रंप के फैसले ने वैश्विक मंदी की आशंका को जन्म दिया, जिसके कारण शेयर बाजार में हाहाकार मच गया.
ट्रंप टैरिफ और चीन की जवाबी कार्रवाई: बाजार में कर्फ्यू जैसी स्थिति
अमेरिका द्वारा अन्य देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा को ट्रंप ने एक 'दवा' बताया था लेकिन इसका असर उल्टा पड़ा. चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की और इससे भारत समेत पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई. बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांकों में 5% तक की गिरावट आई. हालांकि बाजार खुलने के बाद थोड़ी रिकवरी हुई लेकिन दोनों इंडेक्स 3% से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए.
निवेशकों को हुआ भारी नुकसान
गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को करीब ₹19 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. सेंसेक्स की 30 कंपनियों के शेयरों में से कोई भी हरे रंग में नहीं दिखाई दिए, सभी के शेयर लाल निशान में थे. टाटा स्टील और टाटा मोटर्स जैसे बड़े नामों के शेयरों में 8% से 10% तक की गिरावट देखी गई. इसके अलावा IT कंपनियों जैसे HCL टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और इन्फोसिस के शेयर भी भारी नुकसान में रहे.
वैश्विक मंदी की आहट
न सिर्फ भारत बल्कि एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट आई. हॉन्गकॉन्ग, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाजारों में 5% से लेकर 11% तक की गिरावट देखी गई. अमेरिकी बाजारों में भी शुक्रवार को भारी गिरावट आई थी. ट्रंप के टैरिफ निर्णय के बाद, अमेरिकी GDP में कमी आने का अनुमान है और बेरोजगारी दर में वृद्धि हो सकती है. इससे दुनिया भर के निवेशकों में अस्थिरता का माहौल है.
क्या भारत की GDP पर भी पड़ेगा असर?
GDP के अनुमान पर भी असर डालने की आशंका जताई जा रही है. JP Morgan के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी GDP में 0.3% की गिरावट आ सकती है. अगर यह संकट लंबे समय तक जारी रहता है तो भारत की GDP भी प्रभावित हो सकती है.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय निवेशकों को ज्यादा जोखिम वाले सेक्टरों से बचना चाहिए. खासकर आईटी, ऑटो, मेटल्स और केमिकल्स जैसे क्षेत्रों में जोखिम बढ़ सकता है. वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से लाभ उठाने वाले सेक्टर जैसे ऑयल मार्केटिंग कंपनियां, एविएशन और पेंट इंडस्ट्री में कम जोखिम हो सकता है. वर्तमान में सबसे बड़ा सवाल यह है कि टैरिफ युद्ध कब और कैसे समाप्त होगा. निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे 'वेट ऐंड वॉच' रणनीति अपनाएं और बाजार की स्थितियों पर नजर बनाए रखें. अगर स्थिति बेहतर होती है तो बैंक और एनबीएफसी सेक्टर के शेयरों में रिकवरी देखी जा सकती है.