ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने भारत के निर्यात कारोबार को हिलाया, अमेरिकी बाजार में 15-20% छूट का दबाव

Trump tariff policy: ट्रंप की नई टैरिफ नीति से भारतीय निर्यातकों को तगड़ा झटका लगा है. अमेरिकी खरीदार पहले से दिए गए ऑर्डर्स पर भी 15-20% छूट की मांग कर रहे हैं. अमेरिकी खरीदारों ने कई उत्पादों के ऑर्डर फिलहाल होल्ड पर डाल दिए हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Trump tariff policy: अमेरिका द्वारा लगाए गए नए जवाबी टैरिफ ने वैश्विक व्यापार समीकरणों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. इस निर्णय का सीधा प्रभाव भारतीय निर्यात क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है, जहां निर्यातकों को पहले से दिए गए ऑर्डरों पर भी भारी छूट देने के दबाव का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका के खरीदार 15-20% तक की छूट की मांग कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों में असमंजस और हताशा की स्थिति बन गई है.

इस टैरिफ नीति का सबसे गंभीर असर उन निर्यातकों पर पड़ा है, जिन्होंने ऑर्डर टैरिफ वृद्धि से पहले ही प्राप्त कर लिए थे. अब जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ दरें लागू हो चुकी हैं, तो खरीदार पुराने समझौतों में भी पुनर्निर्धारण की मांग कर रहे हैं. इससे भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के सामने अनिश्चितता और आर्थिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

अमेरिकी खरीदारों ने होल्ड पर डाले ऑर्डर

अमेरिकी खरीदारों ने कई उत्पादों के ऑर्डर फिलहाल होल्ड पर डाल दिए हैं. वे अब भारतीय आपूर्तिकर्ताओं से टैरिफ की अतिरिक्त लागत को या तो साझा करने या पूरी तरह वहन करने की मांग कर रहे हैं. इस स्थिति का सबसे अधिक प्रभाव छोटे और मंझोले स्तर के निर्यातकों पर पड़ा है, जो पहले से ही सीमित मार्जिन पर काम कर रहे हैं. बड़े वैश्विक खुदरा विक्रेता अभी अपनी आपूर्ति योजनाओं में कोई बड़ा बदलाव नहीं कर रहे हैं, लेकिन छोटे व्यापारियों के लिए यह चुनौती गंभीर बन गई है.

कौनसा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित

कपड़ा, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्र अमेरिकी बाजार में ऐच्छिक खरीदारी पर आधारित हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों में मांग में गिरावट की आशंका और अधिक गहरा गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इन उत्पादों की खरीद टल सकती है, जिससे ऑर्डर की गति धीमी होगी और नकदी प्रवाह पर असर पड़ेगा.

डिमांड डिस्ट्रक्शन का बढ़ता खतरा

निर्यातकों के सामने सबसे बड़ी चिंता मांग में कमी (डिमांड डिस्ट्रक्शन) की है. एक निर्यातक ने कहा, "अमेरिकी खरीदारों, खासकर छोटे व्यवसायों पर पैसों का दबाव बढ़ेगा क्योंकि उन्हें अचानक अधिक कस्टम ड्यूटी चुकानी होगी." इससे आने वाले समय में नए ऑर्डरों में भारी गिरावट की संभावना जताई जा रही है.

ग्लोबल फैशन ब्रांड्स कर रहे रिवैल्यूएशन 

अमेरिकी फैशन ब्रांड्स भी अपनी सोर्सिंग रणनीतियों की समीक्षा कर रहे हैं. कई खरीदार भारतीय आपूर्तिकर्ताओं से कीमतों में छूट देने या टैरिफ का भार साझा करने की बात कर रहे हैं. कुछ सौदों में खरीदार और विक्रेता के बीच लागत को आपस में बांटने का प्रयास भी किया जा रहा है.

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05 April 2025, 08:27 AM IST

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