ट्रंप के टैरिफ से पूरी दुनिया के शेयर बाजार में मचा हाहाकार, महंगाई और नौकरियों पर हो सकता है भारी असर!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 60 देशों पर टैरिफ लगा दिया है और इससे दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट आ रही है. भारत से लेकर पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और जापान तक के बाजार प्रभावित हुए हैं. अब सवाल यह है कि क्या इस टैरिफ का असर महंगाई और नौकरियों पर भी पड़ेगा? जानिए, इस आर्थिक संकट का और क्या असर हो सकता है!

Trump Tariffs: जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 60 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है, तब से शेयर बाजार में उथल-पुथल मच गई है. अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से भारी गिरावट देखने को मिल रही है. खासकर डॉव जोन्स, Nasdaq और S&P 500 में गिरावट ने दुनियाभर के निवेशकों को चिंता में डाल दिया है.
ट्रंप के इस टैरिफ के चलते न केवल अमेरिकी बाजार बल्कि दुनिया के अन्य प्रमुख शेयर बाजारों में भी भारी नुकसान हुआ है. भारत में भी सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखी गई जिससे निवेशक सकते में हैं.
शेयर बाजार में भूचाल
पिछले पांच दिनों में, ट्रंप के टैरिफ का असर सिर्फ अमेरिकी शेयर बाजार पर ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के बाजारों पर पड़ा है. भारत में सेंसेक्स 3200 अंक तक गिरा, जबकि पाकिस्तान में शेयर बाजार 8000 अंक गिरा, जिससे एक घंटे के लिए बाजार को बंद करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, जापान और हांगकांग के बाजारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. इससे साफ है कि ट्रंप के टैरिफ का असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर रहा है.
महंगाई का खतरा: कीमतों में बढ़ोतरी तय
अमेरिकी टैरिफ के कारण महंगाई में बढ़ोतरी का खतरा बढ़ गया है. दरअसल, जिन उत्पादों पर टैरिफ लगाया गया है, उनकी कीमतें बढ़ना तय है. जब कीमतें बढ़ेंगी तो इन उत्पादों की डिमांड घटेगी और जब डिमांड कम होगी, तो उत्पादन भी घटेगा. इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ेगा. अगर उत्पादक कंपनियों का उत्पादन कम होगा, तो नौकरियों पर भी संकट आ सकता है. इस प्रकार, एक लंबी चेन की शुरुआत हो जाएगी, जिसमें महंगाई और बेरोजगारी एक-दूसरे से जुड़ी होंगी.
क्या ट्रेड वार की वजह से मंदी आएगी?
ट्रंप के टैरिफ के बाद, चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. इसका असर दोनों देशों के बीच ट्रेड वार के रूप में देखने को मिल रहा है. जब दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आपस में व्यापार को प्रभावित करती हैं, तो इसका असर न केवल इन देशों की अर्थव्यवस्था पर बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ता है. डिमांड और सप्लाई के बदलाव के कारण मंदी का खतरा बढ़ सकता है. अगर मंदी आई, तो नौकरियों पर भी बुरा असर पड़ेगा. इस स्थिति में लोगों की नौकरियां जा सकती हैं, जिससे बेरोजगारी की समस्या और गहरी हो सकती है.
ट्रंप टैरिफ का भविष्य और उसके असर
इससे साफ है कि ट्रंप के टैरिफ का असर बहुत बड़ा हो सकता है. जहां एक तरफ शेयर बाजारों में गिरावट हो रही है, वहीं महंगाई और बेरोजगारी का खतरा भी बढ़ सकता है. अगर यह स्थिति लंबी चली तो दुनिया भर में आर्थिक मंदी का खतरा और भी बढ़ जाएगा. निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है और आम जनता के लिए यह समय आर्थिक अनिश्चितता को समझने का है.
इस टैरिफ युद्ध का असर दूरगामी होगा
यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रंप के इस टैरिफ कदम का असर सिर्फ शेयर बाजारों तक सीमित नहीं रहेगा. इसके साथ ही महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं. आर्थिक मंदी की परछाई से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. इस स्थिति में सभी देशों को समझदारी से कदम उठाने की आवश्यकता होगी.