अरहर दाल के दाम में भारी उछाल के बीच सरकार इसके दाम को कम करने के लिए नई तैयारी में जूटी है। भारतीय बाजार में अरहर की दाल के दाम बढ़ रहे है क्योंकि इसके स्टॉक में कमी आई है। अब इस स्टॉक की कमी को पूरा करने और जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार म्यांमार से बातचीत कर रही है।
भारतीय दलहन इंपोर्ट बाजार में अरहर और उड़द की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो म्यांमार से इन दोनों दालों का भारी मात्रा में आयात करता है। ऐसे में डोमेस्टिक प्रोडक्शनम्यांमार में इन दालों की जमाखोरी कर रही हैं। इन सब के बीच दालों के दाम में कमी लाने के लिए सरकार म्यांमार से बातचीत कर रही है। म्यांमार से आयात के लिए बातचीत पर जुटी सरकार अक्टूबर में नया सीजन शुरू होने तक दालों की कीमत में उछाल आगे भी जारी रह सकता है। ये बढ़ोतरी दालों के स्टॉक में कमी की वजह से हुई है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने विदेश मंत्रालय को म्यांमार से आयात करने के लिए लेटर लिखा है। भारत के पास निजी व्यापारियों के माध्यम से 250,000 टन उड़द और 100,000 टन अरहर दाल आयात करने के लिए समझौता हुआ है। इसके अलावा भारतीय दूतावास भी स्थानीय सरकार और व्यापारियों से इस मामले में बातचीत कर रहे हैं।
पॉल चालू सीजन के शेष महीनों के लिए अरहर दाल की कीमतों को 8,500-9,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में देख रहे हैं। कर्नाटक के मुख्य थोक बाजार कालाबुरागी में 13 मई को घरेलू दामों में 21 अप्रैल 8,165 से 8,512 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 8,729 -9,142 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। वही महाराष्ट्र के अकोला में अरहर की एक्स-मिल थोक कीमत 5.7 फीसदी बढ़कर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल थी। अधिकारी के मुताबिक म्यांमार से आयात होने पर दाल के दामों में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। First Updated : Monday, 15 May 2023