UPI नियम में बदलाव: RBI ने इस सुविधा को सक्षम करते हुए कहीं भी किसी भी ऐप का उपयोग करके भुगतान करें

RBI ने एक बड़ा फैसला लिया है जिससे अब पूरी तरह से KYC-अनुपालन वाले प्रीपेड भुगतान वॉलेट्स (PPI) को तीसरे पक्ष के यूपीआई ऐप्स से जोड़ने की सुविधा मिल गई है। इसका मतलब है कि अब PPI वॉलेट यूजर्स को यूपीआई के जरिए पेमेंट करने के लिए सिर्फ अपने वॉलेट ऐप पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस बदलाव से यूपीआई के जरिए लेन-देन करना और भी सुलभ और इंटरऑपरेबल हो जाएगा। क्या है ये नया नियम और इससे यूजर्स को कैसे फायदा होगा जानिए पूरी खबर!

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UPI Rule Change: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिससे अब पूरी तरह से KYC-अनुपालन वाले प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI) के जरिए तीसरे पक्ष के यूपीआई ऐप्स से भी लेन-देन संभव हो सकेगा। इसका मतलब है कि अब PPI वॉलेट यूजर्स को यूपीआई भुगतान के लिए सीधे अपने वॉलेट ऐप्स पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके बजाय, वे किसी भी तीसरे पक्ष के यूपीआई ऐप का उपयोग करके अपने वॉलेट से भुगतान कर सकते हैं। यह कदम UPI के भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को और ज्यादा सुलभ और इंटरऑपरेबल बनाने की दिशा में उठाया गया है।

RBI का नया फैसला: तीसरे पक्ष के ऐप्स से PPI वॉलेट लिंक होंगे

अब तक, PPI से UPI लेन-देन केवल उसी ऐप के जरिए किया जा सकता था, जो PPI प्रदाता द्वारा जारी किया गया हो। लेकिन अब RBI के नए नियम के तहत, PPI वॉलेट के उपयोगकर्ता अपने UPI हैंडल को तीसरे पक्ष के ऐप्स से लिंक करके UPI लेन-देन कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि बैंक या PPI ऐप की बजाय, यूज़र किसी अन्य ऐप से भी पेमेंट कर पाएंगे, जो यूपीआई प्रणाली का हिस्सा हो।

PPI वॉलेट को UPI हैंडल से लिंक करना होगा

इस सुविधा का लाभ लेने के लिए PPI वॉलेट जारीकर्ताओं को अपने ग्राहकों के UPI हैंडल को वॉलेट से लिंक करना होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल KYC-सम्पन्न PPI यूजर्स ही यूपीआई भुगतान कर सकें। जब PPI से यूपीआई लेन-देन होगा, तो PPI क्रेडेंशियल का उपयोग करके ग्राहक के लेन-देन को पहले ही सत्यापित किया जाएगा। इसके बाद, यह लेन-देन यूपीआई सिस्टम में पहुंचने से पहले ही स्वीकृत हो जाएगा।

व्यापक रूप से UPI की पहुंच बढ़ेगी

RBI का यह कदम भारत के भुगतान सिस्टम में UPI की पहुंच को और अधिक विस्तृत करेगा। बैंक विशेषज्ञों का मानना है कि इस परिवर्तन से पीपीआई वॉलेट्स के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ेगी और इससे भुगतान प्रणाली में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। विवेक अय्यर, जो ग्रांट थॉर्नटन भारा के पार्टनर हैं, ने बताया कि "यह कदम पेमेंट इकोसिस्टम में इंटरऑपरेबिलिटी की दिशा में बड़ा कदम है, और इससे UPI को पूरे इकोसिस्टम में और भी अधिक बढ़ावा मिलेगा।"

PPI वॉलेट क्या है?

PPI वॉलेट्स वह वित्तीय उपकरण होते हैं, जिन्हें लोग प्रीलोडेड कैश का इस्तेमाल करके सामान और सेवाएं खरीदने, पैसे भेजने या अन्य वित्तीय सेवाएं लेने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ये वॉलेट्स नकद, क्रेडिट या डेबिट कार्ड का एक विकल्प होते हैं। PPI वॉलेट्स से लेन-देन आसान, सुरक्षित और सुविधाजनक होता है, और अब इसे यूपीआई से जोड़कर और भी सरल बनाया गया है।

कैसे करेगा यह काम?

अब, जब कोई यूजर तीसरे पक्ष के यूपीआई ऐप के जरिए PPI वॉलेट से भुगतान करेगा, तो PPI वॉलेट प्रदाता इस लेन-देन को सत्यापित करेगा और यूपीआई सिस्टम में भेजेगा। इस प्रक्रिया से यूपीआई के जरिए किसी भी PPI वॉलेट से पेमेंट करना सरल और सुरक्षित हो जाएगा, और इस तरह भारतीय भुगतान प्रणाली और भी सुलभ हो जाएगी।

कहां जाएगा यह बदलाव?

यह बदलाव भारतीय भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। RBI ने 27 दिसंबर, 2024 को अपनी अधिसूचना में कहा कि PPI जारीकर्ता अपने ग्राहक के UPI हैंडल को PPI से लिंक करेंगे और यही प्रक्रिया लेन-देन को पहले ही स्वीकृत कर देगी।

यह नया कदम न केवल ग्राहकों को अधिक सुविधा देगा, बल्कि इससे UPI के उपयोग को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। अब, लोग कहीं से भी, किसी भी ऐप से अपने वॉलेट के जरिए यूपीआई भुगतान कर सकेंगे, जो वित्तीय दुनिया में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा। First Updated : Saturday, 28 December 2024