चार साल के निचले स्तर पर पहुंचे अमेरिकी क्रूड ऑयल के दाम, आखिर क्यों गिर रहीं कीमतें?

यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड ऑयल के दाम 58.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए,जबकि ब्रेंट 64.32 डॉलर के इंट्राडे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है. अमेरिकी कच्चा तेल आखिरी बार 2.4% या $1.49 की गिरावट के साथ $60.50 पर था, जबकि ब्रेंट 2.24% या $1.47 की गिरावट के साथ $64.11 पर था. टैरिफ के कारण व्यवसायों के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे आर्थिक गतिविधियों में मंदी आ सकती है, जिससे अंततः तेल की मांग पर असर पड़ेगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का असर कच्चे तेल के दामों पर भी देखने को मिल रहा है. अमेरिकी तेल की कीमतें सोमवार को 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गईं. यह पिछले चार साल में सबसे कम हैं. मार्केट एक्सपर्ट को लगता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वैश्विक टैरिफ से अमेरिका समेत दुनियाभर के देश मंदी की चपेट में आ सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते ओपेक+ के प्रमुख उत्पादकों द्वारा उत्पादन बढ़ाने के फैसले ने भी तेल की कीमतों पर दबाव डाला है. बता दें कि सऊदी अरामको ने रविवार को अपने प्रमुख अरब लाइट क्रूड की कीमत में कटौती की.

पिछले हफ्ते भी देखी गई गिरावट

यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड ऑयल के दाम 58.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए,जबकि ब्रेंट 64.32 डॉलर के इंट्राडे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है. अमेरिकी कच्चा तेल आखिरी बार 2.4% या $1.49 की गिरावट के साथ $60.50 पर था, जबकि ब्रेंट 2.24% या $1.47 की गिरावट के साथ $64.11 पर था. बेंचमार्क 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे. पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल और ब्रेंट के 10% से ज्यादा नीचे बंद होने के बाद कीमतों में यह ताज़ा उछाल आया है.

दुनियाभर में आ सकती है मंदी

इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं कि टैरिफ के कारण व्यवसायों के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे आर्थिक गतिविधियों में मंदी आ सकती है, जिससे अंततः तेल की मांग पर असर पड़ेगा. गोल्डमैन सैक्स ने रविवार को दिसंबर 2025 के लिए अपने तेल मूल्य पूर्वानुमान को 4 डॉलर घटाकर यूएस क्रूड के लिए 58 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट के लिए 62 डॉलर प्रति बैरल कर दिया. निवेश बैंक को 2026 में कीमतों में और गिरावट की उम्मीद है, जब यूएस क्रूड और ब्रेंट का औसत क्रमशः 55 डॉलर और 58 डॉलर प्रति बैरल होगा.

टैरिफ रोलआउट के बाद मंदी की संभावना

जेपी मॉर्गन के अनुसार,  इस सप्ताह लागू होने वाले टैरिफ ”संभवतः अमेरिका और संभवतः वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस वर्ष मंदी की ओर धकेलेंगे.” फर्म ने गुरुवार को टैरिफ रोलआउट के बाद इस वर्ष मंदी की संभावना को 40% से बढ़ाकर 60% कर दिया. जेपी मॉर्गन में वैश्विक कमोडिटीज शोध प्रमुख नताशा कनेवा ने शुक्रवार को एक नोट में कहा कि घटनाक्रम की समग्र दिशा का अनुमान लगाना कठिन है, क्योंकि देश ट्रंप के साथ वार्ता के माध्यम से कम टैरिफ दरों की मांग कर सकते हैं.

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07 April 2025, 05:47 PM IST

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