Varanasi News : देश में आर्थिक विकास को गति दे रहा काशी, पर्यटकों की पहली पसंद बना बनारस
Varanasi Economy : पिछले कुछ सालों में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी आ रहे हैं और यह एक आर्थिक हब बन गया है. बनारस का सालाना कारोबार 20,000 करोड़ के पार हो चुका है.
Varanasi Tourism : भारत का सबसे प्रचीन शहर काशी जिसे बनारस या वाराणसी नाम से भी जाना जाता है. प्राचीन मंदिरों और आध्यात्मिक इतिहास के स्मारकों और ग्रंथो में काशी का उल्लेख मिलता है. यह शहर गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है. माना जाता है कि बनारस भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल पर खड़ा है और प्रलय आने पर भी यहां का काशी विश्वनाथ मंदिर नहीं डूबेगा. पिछले कुछ सालों में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी आ रहे हैं और यह एक आर्थिक हब बन गया है.
आस्था का केंद्र बना काशी विश्वनाथ मंदिर
बनारस में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है. प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद लेने आते हैं. साल 2021 में काशी विश्वानाथ कॉरिडॉर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. तब लगभग 69 लाख लोगों ने काशी विश्वानाथ मंदिर के दर्शन किए. अब यहां पर पर्टयकों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है. जिससे व्यापार को भी गति मिली है. इस साल काशी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 13 करोड़ के पार चली गई है. पिछले दो सालों में इसमें 20 गुना बढ़ोतरी हुई.
काशी की इकोनॉमी में वृद्धि
जानकारी के अनुसार बनारस का सालाना कारोबार 20,000 करोड़ के पार हो चुका है. साल 2022 में काशी में लगभग 4.5 करोड़ पर्यटक आए थे. अनुमान है कि इस साल यह संख्या 5 करोड़ के पार जा सकती है. पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की आय में 65 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है. काशी की इकोनॉमी बढ़ने से होटल सेक्टर, शिल्पकार, टूरिज्म जैसे सेक्टर में रोजगार भी मिल रहे हैं. वहीं बनारसी साड़ी के कारोबार में तेजी देखी जा रही है.
पैदा हो रहे रोजगार के नए अवसर
बनारस में यात्रियों की संख्या में तेजी के कारण कारोबार बढ़ रहा है. साथ ही यहां पर रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. पर्यटन सेक्टर को बूस्ट मिला है. इस क्षेत्र में 34 फीसदी नौकरी में बढ़त दर्ज की गई. इसके अलावा बनारसी कपड़े के व्यापारी, नाव संचालकों, होटल मालिकों, पंडों-पुजारियों, ट्रेवल एजेंट, ई-रिक्शा, ऑटो व टैक्सी चालकों, ठेला-खोमचे, सहित छोटे दुकानदारों की आय बढ़ रही है. इनकम बढ़ने का फायदा नौकरी के नए-नए अवसर को पैदा कर रहा है.