Vedanta Debt : अबरपति अनिल अग्रवाल कंपनी वेदांता कर्ज में डूबी हुई है। कंपनी के लोन को चुकाने के लिए अनिल अग्रवाल लगातार प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पूरे कर्ज में से कुछ राशि का भुगतान कर दिया गया है। लेकिन एक बड़ी रकम अभी भी चुकाने के लिए बाकी है। जिसके लिए वेदांता अनेक प्लान बना रही है। आपको बता दें कि कंपनी का वित्त वर्ष 2024 तक होने वाला कुल लोन लगभग 4.2 अरब डॉलर था। जिसमें से कंपनी ने 2 अरब डॉलर चुका दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वेदांता रिसोर्सेज ने 2.2 अरब डॉलर के लोन भरने को बड़े लेवल पर ब्रांडA को मोनेटाइजेशन करने, जनरल रिजर्व करने और रिफाइनेंस के ट्रांसफर पर डिपेंड है। साथ ही कंपनी मे कर्ज भरने के लिए वेदांता लिमिटेड से रॉयल्टी के पार्टनरशिप को 2 प्रतिशत से 3 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा ओकट्री बकेट को रिफाइनेंस कराना भी कंपनी का प्लान है। इससे पहले 2020 में बकेट से एक अरब डॉलर का कर्ज लिया था।
अपने कर्ज को चुकाने के लिए वेदांता के पास अपनी सहायक कंपनियों से डिविडेंड को स्ट्रीम अप करने का भी ऑप्शन है। बता दें कंपनी ने जिंक इंटरनेशनल में जेपी मॉर्गन व ओकट्री से 850 मिलियन डॉलर उधार लिए थे। जिसकी चुकाने का समय 36 महीने है और इसमें से 24 महीने पूरे हो गए हैं।
वेदांता समूह की शुरुआत अनिल अग्रवाल ने की है। चालू वित्त वर्ष में कंपनी को 413 मिलियन डॉलर का ब्रांड शुल्क मिलता है। वेदांता मिलिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय खनन कंपनी है। इसका ऑफिस मुंबई में स्थित है। कंपनी का काम गोवा, कर्नाटक, ओडिशा और राजस्थान में लौह अयस्क, सोना पर एल्यूमीनियम खानों में ऑपरेट करती है। First Updated : Monday, 19 June 2023