डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ झटके के कारण वॉल स्ट्रीट लाल, गिर गया सूचकांक
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,212.98 अंक (3.17%) गिरकर 37,101.88 पर पहुंच गया. एसएंडपी 500 में 181.37 अंक (3.57%) की गिरावट आई और यह 4,892.71 पर बंद हुआ, वहीं नैस्डैक कंपोजिट 623.23 अंक (4.00%) गिरकर 14,964.56 पर आ गया.

सोमवार को वॉल स्ट्रीट में शुरुआती कारोबार में तेज गिरावट देखने को मिली, जिसमें प्रमुख सूचकांकों में बड़ी गिरावट आई. यह गिरावट मुख्य रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए व्यापक टैरिफ उपायों के संभावित आर्थिक प्रभाव को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ने के कारण हुई. बढ़ती अनिश्चितता के बीच कई व्यापारियों ने सुरक्षा के रूप में सरकारी बॉंड्स की ओर रुख किया.
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,212.98 अंक (3.17%) गिरकर 37,101.88 पर आ गया, जबकि एसएंडपी 500 में 181.37 अंक (3.57%) की गिरावट आई और यह 4,892.71 पर पहुंच गया. नैस्डैक कंपोजिट 623.23 अंक (4.00%) गिरकर 14,964.56 पर आ गया.
सूचकांक अपने रिकॉर्ड शिखर से 20% नीचे गिरा
एसएंडपी 500 में गिरावट का यह सिलसिला जारी रहा, जिससे यह सूचकांक अपने रिकॉर्ड शिखर से 20% नीचे गिर गया. यह स्थिति आमतौर पर मंदी के बाजार की शुरुआत को दर्शाती है. डॉव जोन्स भी अपने उच्चतम स्तर से 17% नीचे पहुंच चुका है. वहीं, नैस्डैक पिछले सप्ताह ही मंदी के दौर में प्रवेश कर चुका था. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मचाई थी और मंदी की चिंताएं बढ़ा दी थीं.
मानक परिभाषा के अनुसार, जब किसी सूचकांक का स्तर अपने रिकॉर्ड उच्चतम से 20% या उससे अधिक गिरता है, तो उसे मंदी के बाजार में माना जाता है. इससे पहले एसएंडपी 500 ने जून 2022 में मंदी के बाजार में प्रवेश किया था, जब फेडरल रिजर्व की ओर से मुद्रास्फीति नियंत्रण को लेकर अनिश्चितता का माहौल था.
ट्रंप के आक्रामक व्यापार नीतियों ने वॉल स्ट्रीट के विश्लेषकों को अमेरिकी मंदी की आशंका को और बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है. बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. ट्रंप ने रविवार को कहा कि जब तक चीन के साथ व्यापार असंतुलन का समाधान नहीं होता, वह किसी भी समझौते पर सहमत नहीं होंगे.
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म GCFX
इस स्थिति पर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म GCFX के निदेशक गाइल्स कॉगलन ने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रंप अमेरिका के वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदलने की कोशिश कर रहे हैं. जब तक यह दृष्टिकोण बाजार पर हावी रहेगा, बिकवाली जारी रह सकती है.