MDH और एवरेस्ट मसालों में ऐसा क्या मिला कि हांगकांग-सिंगापुर ने लगाया बैन?
MDH-Everest Spices: खाने में मसालों का अलग ही महत्व होता है, इनसे खाने का स्वाद बढ़ाया जा सकता है. लेकिन क्या हो जब वही मसाले आपके लिए खतरा बन जाए.
MDH-Everest Spices: भारत के ज्यादातर घरों के किचन में एमडीएच और एवरेस्ट के मसालें जरूर मिल जाएंगे. लेकिन ये मसाले अब विवादों मेके घेरे में हैं. दरअसल, हांगकांग के फूड सेफ़्टी विभाग ने भारतीय कंपनी एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों मेंकीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड मिलने का दावा किया है. साथ ही लोगों को सलाह दी कि इनका इस्तेमाल ना करें.
MDH और एवरेस्ट मसालों में क्या मिला?
हांगकांग के सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने तीन रिटेल दुकानों से मसालों के सैंपल लिए थे, जिनका जांच करने पर उनमें से कुछ में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है. सेंटर फॉर फूड सेफ्टी के प्रवक्ता का कहना है कि '' हांगकांग में खाने की चीजों में एथिलीन ऑक्साइड जैसे कीटनाशक का इस्तेमाल करना कानून जुर्म है, फिर भी अगर किसी पदार्थ में ये पाया जाता है तो उसपर 50 हज़ार डॉलर के जुर्माने के साथ छह महीने जेल भी हो सकती है.
बाज़ार से मसाले वापस लेने के आदेश
मसालों में जो एथिलीन ऑक्साइड मिला है उससे इंसान को जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं. इसको देखते हुए सिंगापुर ने एवरेस्ट के फिश करी मसाले अपने बाजारों से हटाने का आदेश दिया है. इसके अलावा इन मसालों की खरीद फरोख्त को भी रोकने का आदेश है. इतना बड़ा फैसला लेने पर फूड सेफ्टी विभाग ने कहा कि ''कैंसर पर रिसर्च करने वाली एजेंसी ने एथिलीन ऑक्साइड को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन में रखा है.''
एवरेस्ट ने दिया जवाब
मसालों पर बढ़ते विवाद को देखते हुए एवरेस्ट ने अपनी सफाई पेश की है. एवरेस्ट ने कहा कि ''हम अपने सभी प्रोडक्ट सही से जांच करने के बाद ही बनाते हैं. हम शेफ्टी की पूरा ध्यान रखते हैं. इंडियन स्पाइस बोर्ड और एफएसएसएआई समेत सभी एजेंसियों की मुहर हमारे प्रोडक्ट्स पर रहती है.'' एवरेस्ट ने कहा कि ''अभी तक हम आधिकारिक नोटिस का इंतजार कर रहे हैं, जैसे हम तक सूचना आती है हमारी टीम इसकी जांच करेगी.''
क्या है एथिलीन ऑक्साइड?
एथिलीन ऑक्साइड एक बिना रंग की गैस होती है. इसका इस्तेमाल पर खेती, हेल्थकेयर और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में कीटनाशक, स्टरलेंट का फ्यूमिगेंट बनाने के लिए किया जाता है. मसालों में इसका इस्तेमाल माइक्रोबियल प्रदूषण खत्म करने और कीड़ों को मारने के लिए किया जाता है. लेकिन इसको कार्सिनोजेन के वर्ग में रखा गया है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है.
ये पहला मामला नहीं
भारतीय मसालों के इस्तेमाल को लेकर आई ये कोई पहली रिपोर्ट नहीं है उसके पहले भा अमेरिका ने 2023 में एवरेस्ट के सांभर मसाला और गर्म मसाला को पर एक्शन लेते हुए अपने बाजारों से वापस लेने का ऑर्डर दिया था. इसके अलावा बेबी फूड सेरेलेक में एशिया,अफ्रीका और लातिन अमेरिका में बच्चों के हिसाब से ज्यादा चीनी होने का दावा किया गया था.