Wheat Price Hike : देश में बढ़ती महंगाई से आम आदमी परेशान है। फलों-सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। वहीं गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों लोगों के घर के बजट को बिगाड़ दिया है। अब केंद्र सरकार ने गेहूं और आटे के प्राइस को कम करने के लिए अहम फैसला किया है। जिससे लोगों को बढ़ती महंगाई के बीच राहत मिलेगी।
दरअसल सरकार ने होलसेलर्स, ट्रेडर्स, रिटेलर्स, प्रोसेसर्स और बड़े चेन रिटेलर्स के लिए गेहूं के स्टॉक करने की लिमिट निर्धारित कर दी है। आपको बता दें कि सरकार का फैसला 31 मार्च, 2024 से लागू हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने गेहूं को ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत खुले बाजार में बेचने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत तक गेहूं की बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए सरकार थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए 15 लाख टन गेहूं जारी करेगी। इसके लिए खुले बाजार के लिए प्रति क्विंटल गेहूं का प्राइस 2150 रुपये तय किया गया है। बता दें व्यापारी और रिटेलर्स बड़ी मात्रा में गेहूं की जमा खोरी कर रहे थे, जिसकी वजह से मार्केट में आटे के दाम तेजी से बढ़ने लगे थे। इसके देखते हुए सरकार ने स्टॉक लिमिट को तय किया है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार देश में गेहूं की जमाखोरी करके मुनाफाखोरी की जारी रही थी। इस पर लगाम लगाने के लिए सराकर ने गेहूं स्टॉक लिमिट तय कर दिया है। सरकार का ये फैसला राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा। बीते 15 वर्षों में यह पहली बार है जब सरकार ने गेहूं का स्टॉक होल्डिंग लिमिट को निर्धारित किया है। First Updated : Tuesday, 13 June 2023