Budget 2025: कहां से आया 'बजट' शब्द, संविधान में क्यों नहीं है जिक्र? जानें सबकुछ
Budget 2025: भारत में पहला बजट स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने 1860 में पेश किया था. हालांकि, स्वतंत्र भारत का पहला बजट आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था.
Budget 2025 Hindi: हर साल फरवरी में भारत सरकार द्वारा बजट पेश किया जाता है. यह वित्तीय दस्तावेज देश की आर्थिक नीतियों और योजनाओं को प्रस्तुत करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'बजट' शब्द का अर्थ क्या है और इसका संविधान में क्यों उल्लेख नहीं किया गया है? आइए जानते हैं इसके पीछे का पूरा इतिहास...
बजट शब्द का अर्थ क्या है?
आपको बता दें कि 'बजट' शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के 'बुल्गा' शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला. समय के साथ यह शब्द 'बोऊगेट' और फिर 'बोगेट' बन गया. ब्रिटिश शासन के दौरान, वित्त मंत्री बजट से जुड़े दस्तावेज चमड़े के ब्रीफकेस में लेकर संसद में पहुंचते थे. यह परंपरा भारत में आजादी के बाद भी जारी रही.
संविधान में क्यों नहीं है बजट का उल्लेख?
वहीं भारतीय संविधान में 'बजट' शब्द का जिक्र नहीं किया गया है. इसकी वजह यह है कि बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश शासन की देन थी. इसे भारतीय संविधान में अलग से शामिल नहीं किया गया, लेकिन बजट प्रक्रिया को वित्तीय प्रबंधन के तहत लागू किया गया.
भारत में बजट का इतिहास
भारत में पहली बार बजट 1860 में स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विलसन ने पेश किया था. आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को आर. के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया. इसके बाद यह प्रक्रिया हर साल जारी रही.
बजट पेश करने के समय में बदलाव
आपको बता दें कि 2001 से पहले बजट फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था. वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 2001 में इस समय में बदलाव कर इसे सुबह 11 बजे पेश करने का निर्णय लिया. इससे बजट प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया गया.
बजट क्यों है महत्वपूर्ण?
- आर्थिक योजना: यह सरकार की वार्षिक आय और व्यय का खाका प्रस्तुत करता है.
- नीतिगत निर्णय: बजट के माध्यम से सरकार विभिन्न वर्गों के लिए योजनाओं की घोषणा करती है.
- विकास की दिशा: यह देश की आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए रोडमैप तैयार करता है.
बहरहाल, बजट एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज है जो देश के आर्थिक प्रबंधन को दर्शाता है. इसका इतिहास ब्रिटिश शासन से जुड़ा हुआ है, लेकिन यह आज भी देश की वित्तीय स्थिरता और योजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है.