क्या शक्तिकांत दास को मिलेगा एक्सटेंशन? GDP में गिरावट बनी चुनौती, RBI प्रमुख के भविष्य पर सवालिया निशान

Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल अगले हफ्ते खत्म हो रहा है. हालांकि, अब तक उनके कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है. दूसरी तिमाही (Q2) के GDP आंकड़ों ने उनकी स्थिति पर और सवाल खड़े कर दिए हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल अगले सप्ताह समाप्त हो रहा है, हालांकि अभी तक उनके कार्यकाल में विस्तार की घोषणा नहीं की गई है. दूसरी तिमाही के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों ने RBI गवर्नर पर ब्याज दरों में कटौती पर विचार करने के लिए अतिरिक्त दबाव डाला है, जिसके प्रति उन्होंने अनिच्छा व्यक्त की है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास का कार्यकाल अगले सप्ताह समाप्त हो रहा है. RBI प्रमुख को अभी तक सेवा विस्तार नहीं दिया गया है और दूसरी तिमाही के GDP डेटा ने RBI प्रमुख के भविष्य पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है.

GDP में गिरावट बनी चुनौती

जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 5.4% रही, जो RBI के 7% के अनुमान से काफी कम है. यह गिरावट केंद्रीय बैंक और गवर्नर शक्तिकांत दास पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ा रही है. हालांकि, दास ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए दरों में तुरंत कटौती से इनकार किया है. 

महंगाई और दरों में कटौती पर बहस

भारत की महंगाई दर अभी 6.21% है, जो मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों की वजह से है. सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी हाल के महीनों में उधार लेने की लागत कम करने का समर्थन किया है. कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि RBI को आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए दरों में कटौती करनी चाहिए. 

आने वाले फैसले पर नजर

Bloomberg की एक रिपोर्ट के अनुसार, 43 अर्थशास्त्रियों में से 36 ने अनुमान लगाया है कि शुक्रवार को RBI अपनी रेपो दर 6.5% पर स्थिर रखेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर RBI अब दरों में कटौती नहीं करता है, तो फरवरी में अपेक्षा से अधिक कटौती करनी पड़ सकती है.

गवर्नर दास की स्थिति पर असमंजस

दास ने पहले भी कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है. 2021 में जब उनके कार्यकाल को बढ़ाया गया था, तो इसकी घोषणा एक महीने पहले ही हो गई थी. लेकिन इस बार सरकार ने कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है. साथ ही, RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा का कार्यकाल भी अगले महीने खत्म हो रहा है. 

मुद्रानीति समिति में अनुभव की कमी

अक्टूबर में सरकार ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) में तीन नए बाहरी सदस्य नियुक्त किए. सिंगापुर की एशिया डिकोडेड कंपनी की अर्थशास्त्री प्रियंका किशोर ने कहा, “MPC के नए सदस्यों की अपेक्षाकृत अनुभवहीनता और गवर्नर दास के कार्यकाल को लेकर अनिश्चितता ने मौद्रिक नीति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है.”  

गवर्नर दास का रुख

दास ने अपने भविष्य को लेकर ज्यादा टिप्पणी करने से बचते हुए कहा, “मेरा टेबल पहले से ही काम से भरा है, इसलिए भविष्य के बारे में सोचने का समय नहीं है.” शक्तिकांत दास के कार्यकाल को बढ़ाने का फैसला अभी स्पष्ट नहीं है. दूसरी तिमाही के GDP आंकड़े और महंगाई दर ने उनकी स्थिति को और जटिल बना दिया है. सरकार और केंद्रीय बैंक के अगले कदम पर पूरे देश की नजर है.

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03 December 2024, 02:18 PM IST

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