Jaipur Tinder Murder case : जयपुर की एक कोर्ट ने शनिवार को दुष्यंत शर्मा का अपहरण कर फिरौती मांगने और हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पूरी साजिश की शुरुआत जनवरी- फरवरी 2018 में टिंडर डेंटिंग ऐप से हुई थी. यहां दुष्यंत शर्मा (28) नाम का युवक प्रिया सेठ (27) से डेटिंग ऐप टिंडर पर मिला था. दोनों के इंटरेस्ट एक जैसे थे फिर क्या था दोनों में दोस्ती बढ़ती गई और लड़के को लड़की के करीब आने की तलब भी. तीन महीने तक बातचीत होने के बाद प्रिया ने एक दिन दुष्यंत को अपने कमरे में मिलने के लिए बुलाया. अब क्या था दुष्यंत को लगा कि उसकी किस्मत खुल गई, लेकिन उसे इस बात की जरी भी भनक नहीं थी कि वह जहां जा रहा है, वहां से कभी वापस नहीं लौटेगा. फरवरी 2018 में शुरू हुआ यह रिश्ता झूठ की बुनियाद पर पनप रहा था. 

अपहरण के पीछे क्या रही वजह

दुष्‍यंत शादीशुदा युवक था. वह विवान कोहली नाम से फर्जी आईडी के साथ टिंडर पर मौजूद था. उसने आईडी पर खुद को दिल्ली का एक अमीर बिजनेसमैन बता रखा था. दूसरी ओर, प्रिया ने केवल दुष्यंत का अपहरण करने और उससे पैसे ऐंठने के उद्देश्य से बातचीत शुरू की थी. प्रिया को सिर्फ पैसा चाहिए था और दुष्यंत को शारीरिक सुख. शायद इसी के लिए दोनों एक दूसरे की ओर आगे बढ़ रहे थे. 

कमरे में पहुंचते ही कर लिया अपहरण
दुष्‍यंत को लड़की ने जिस पते पर आने के लिए कहा था वहां जाने पर कमरे में लड़की ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया. लड़की के साथ दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया पहले से वहां मौजूद थे. दुष्यंत के अपहरण के बाद जब घरवालों को फिरौती के लिए कॉल किया गया. प्रिया और उसके साथियों को लगा कि 'दिल्ली का व्यवसायी' उतना अमीर नहीं था, जितना उसने दावा किया था. दुष्यंत का परिवार फिरौती के 10 लाख देने में विफल रहा, तो आरोपियों ने उस पर कई बार चाकू से हमले किए और तकिये से उसका मुंह दबाकर हत्या कर दी.

दुष्यंत के पिता से मांगी थी 10 लाख की फिरौती 
एक इंटरव्यू में दुष्यंत के पिता रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा था कि हमें मेरे बेटे के फोन से एक कॉल आई, वह कह रहा था पापा, वे मुझे मार डालेंगे, कृपया उन्हें 10 लाख रुपये देकर मुझे बचा लीजिए. फिर प्रिया ने फोन छीन लिया और मुझे गालियां देनी शुरू कर दी. उसने मुझसे दुष्यंत के खाते में 10 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा. मैंने उससे कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं, लेकिन मैं शाम 4 बजे तक 3 लाख रुपये का इंतजाम कर सकता हूं.' प्रिया ने दुष्यंत का डेबिट कार्ड छीन लिया था और उसे पिन साझा करने के लिए मजबूर किया था. पिता द्वारा ₹3 लाख जमा करने के बाद, उन्होंने ₹20,000 निकालने के लिए कार्ड का उपयोग किया. बाद में पकड़े जाने के डर से तीनों आरोपियों ने दुष्यंत की हत्या कर दी. उसका शव 4 मई, 2018 को जयपुर के बाहर एक गांव में सूटकेस में भरा मिला था. 

प्रिया पहले से लिव-इन में रहती थी 
तीनों आरोपियों ने 21 लाख का कर्ज चुकाने के लिए की पूरी प्लानिंग की थी. प्रिया ने बताया कि मैं दीक्षांत के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी और उस पर 21 लाख रुपये का कर्ज था. इसलिए हमने किसी का अपहरण करने, फिरौती मांगने और उस व्यक्ति की हत्या करने के लिए एक साथ यह योजना बनाई. ' एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज ने आरोपियों से बात की थी. दीपिका ने प्रिया से पूछा कि उन्होंने दुष्यंत की हत्या क्यों की, जबकि उसके पिता ने पैसे ट्रांसफर कर दिए थे, तो प्रिया ने कहा, 'हमने पैसे आने से पहले ही उसे मार डाला था. 

अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा? 
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 'इन तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए थे. अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत सबूतों से साबित हुआ कि आरोपियों ने अपराध किया है.' अदालत ने तीनों आरोपियों प्रिया सेठ, दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (अपहरण), 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूत मिटाने) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.