अदालत ने 7 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के आरोपी को मौत की सजा सुनाई, 2.30 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया
आरोपी को सजा सुनाए जाने के समय लड़की के पिता भी अदालत में मौजूद थे. जैसे ही आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई, पिता की आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि वह आरोपियों को दी गई मौत की सजा से पूरी तरह संतुष्ट हैं. इससे बड़ा इंसाफ कोई नहीं हो सकता.

यूपी क्राइम न्यूज. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट दीपक यादव की अदालत ने बदायूं में सात साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी पर 2.30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. खास बात यह है कि यह फैसला मुकदमे के 91वें दिन आया. बिल्सी क्षेत्र निवासी तीसरी कक्षा का छात्र 18 अक्टूबर 2024 की दोपहर करीब तीन बजे घर से निकला था, लेकिन काफी देर बाद भी घर नहीं लौटा.
तलाश के दौरान पुलिस और परिजनों को रात करीब नौ बजे एक जर्जर मकान की अलमारी में कपड़ों में लिपटा हुआ लड़की का शव मिला. उसका सिर कुचल गया था. चेहरे पर खरोंच के निशान थे. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण, बलात्कार और हत्या के अलावा पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
मुठभेड़ में आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने देर रात इलाके में लगे कई सीसीटीवी कैमरे चेक किए. इसमें बिल्सी कस्बे के वार्ड 4 निवासी रियाजुद्दीन का पुत्र जेन आलम उर्फ जैना बालिका को ले जाता दिखाई दिया. पुलिस ने देर रात मुठभेड़ में उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पूछताछ के दौरान जान आलम ने लड़की के साथ बलात्कार और हत्या की बात कबूल कर ली. बुधवार को अदालत ने जान आलम को मौत की सजा सुनाई और 2.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. आरोप पत्र 18 दिसंबर को अदालत में दाखिल किया गया. अदालत ने 18 मार्च को उसे दोषी ठहराया और 19 मार्च को सजा सुनाई. नियमानुसार, सजा की फाइल पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश द्वारा हाईकोर्ट को भेजी जाएगी. वहां से पुष्टि होने के बाद फांसी होगी, तब तक जान आलम जेल में ही रहेगा.