होटल में ठहरने के लिए एक्स वाइफ का आईडी कार्ड, फर्जी कॉल...आरोपी ने 13 महीने तक पुलिस को कैसे दिया चकमा
35 वर्षीय एक महिला घर से 9.60 लाख रुपये और नकदी लेकर फरार हो गई. इसके बाद उसके पति ने पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. दया सवालिया का कुछ दिनों बाद कुएं से कंकाल बरामद हुआ, इसके बाद पुलिस का शक उसी गांव के रहने वाले हार्दिक सुखाड़िया पर गया. पुलिस को शक था कि हार्दिक ने ही दया का कत्ल किया है. हार्दिक ने पुलिस को यह कहानी गढ़कर गुमराह करने में कोशिश की कि दया राहुल नामक एक अन्य व्यक्ति के साथ भाग गई है

गुजरात के राजकोट में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. एक 28 वर्षीय युवक ने अपनी प्रेमिका की की हत्या के बाद 13 महीने तक पुलिस को गुमराह किया.इतना ही नहीं आरोपी ने लेयर वॉयस एनालिसिस (LVA) टेस्ट को भी पास कर लिया. बता दें कि महिला अपने पति और 11 वर्षीय बेटे को छोड़कर उसके साथ रहने आई थी. यह सनसनीखेज मामला अजय देवगन की फिल्म दृश्यम से मिलता-जुलता है.
क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के अनुसार, दया सावलिया 35 वर्षीय एक महिला घर से 9.60 लाख रुपये और नकदी लेकर फरार हो गई. इसके बाद उसके पति ने पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. दया सवालिया का कुछ दिनों बाद कुएं से कंकाल बरामद हुआ, इसके बाद पुलिस का शक उसी गांव के रहने वाले हार्दिक सुखाड़िया पर गया. पुलिस को शक था कि हार्दिक ने ही दया का कत्ल किया है. दया हार्दिक से प्यार करती थी. लेकिन हार्दिक दया से खुश नहीं था. इसलिए उसने दया को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया.
खुलेआम घूम रहा था हार्दिक सुखाड़िया
हार्दिक ने पुलिस को यह कहानी गढ़कर गुमराह करने में कोशिश की कि दया राहुल नामक एक अन्य व्यक्ति के साथ भाग गई है, जिसके साथ वह रिश्ते में थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने हार्दिक का एलवीए टेस्ट कराया, लेकिन वह इसमें पास हो गया. हमें संदेह है कि उसने इस तरह की जांच की पहले से ही कल्पना कर ली थी. ठोस सबूतों और प्रत्यक्षदर्शियों की कमी के कारण यह मामला पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण था. मामले को सुलझाने में पुलिस की असमर्थता से उत्साहित हार्दिक इस विश्वास के साथ खुलेआम घूम रहा था कि वह संदेह से बच जाएगा.
बाद में मामले की जांच स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) को सौंप दी गई. एलसीबी की टीम ने रणनीतिक तरीके से हार्दिक से दोबारा पूछताछ की. लगातार पूछताछ और सबूतों के आधार पर आखिरकार हार्दिक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. 27 फरवरी को वह पुलिस को घटनास्थल पर ले गए, जहां अमरेली फायर ब्रिगेड और एफएसएल टीमों की मदद से महिला के कंकाल के अवशेष बरामद किए गए. अवशेषों को फॉरेंसिक पोस्टमॉर्टम के लिए भावनगर भेजा गया.
महिला के जुनून के कारण उसकी हत्या कर दी गई
हार्दिक ने पुलिस को बताया कि अब वह दया के साथ संबंध रखने में दिलचस्पी नहीं रखता. लेकिन जब वह उस पर अधिकार जताने लगी तो उसने उसे खत्म करने का फैसला कर लिया. हार्दिक ने पुलिस को बताया कि उसने दया की हत्या से एक दिन पहले उसके आईडी कार्ड का इस्तेमाल करके उसके लिए होटल में कमरा बुक किया था. उसने फ्री कॉलिंग ऐप के ज़रिए फ़र्जी कॉल भी की ताकि उसके पति को यह यकीन हो जाए कि वह पारिवारिक विवादों के कारण घर छोड़कर चली गई है.
उसने बताया कि 3 जनवरी 2024 को वह दया को अमरेली जिले के हदाला गांव के बाहरी इलाके में ले गया और उसके सिर पर पत्थरों से वार करके उसकी हत्या कर दी. बाद में उसने सबूत मिटाने के लिए उसकी लाश को कुएं में फेंक दिया.