कोलकाता के आरजी कर केस में महिला डॉक्टर के साथ रेप या गैंगरेप? CBI ने कोर्ट को दिया जवाब
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की जांच अब भी जारी है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने सीबीआई से पूछा कि क्या इस अपराध में सामूहिक दुष्कर्म का कोई संकेत मिला है और क्या अतिरिक्त संदिग्धों की पहचान की गई है.

Kolkata RG Kar case: आरजी कर केस में सीबीआई की तरफ से उप सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने बताया कि यह मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 (सामूहिक बलात्कार) के तहत नहीं आता है. उन्होंने यह भी कहा कि अपराध स्थल से प्राप्त सभी डीएनए सैंपल्स की फोरेंसिक जांच पूरी कर ली गई है और गैंगरेप के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. डीएनए प्रोफाइलिंग केवल आरोपी संजय रॉय पर की गई थी.
हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच के संबंध में कोलकाता पुलिस द्वारा पहले तैयार की गई 'केस डायरी' को पेश करने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने सीबीआई को 23 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई में पूछताछ किए गए व्यक्तियों की सूची सौंपने का निर्देश भी दिया.
सीबीआई कर चुकी है लंबी पूछताछ
सीबीआई ने इस मामले की जांच में सीलबंद स्थिति रिपोर्ट पेश की. यह घटना 9 अगस्त, 2024 को घटित हुई थी, जब महिला डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया था. 13 अगस्त, 2024 को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने मामले की गहन जांच की है और कई डॉक्टर्स, नर्सों, कर्मचारियों और अन्य से पूछताछ की है.
रेप केस की जांच में क्या मिला?
इसके अलावा, अदालत ने जांच रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बीच असंगतियों को लेकर सवाल उठाए. न्यायमूर्ति घोष ने इस पर टिप्पणी की कि जांच रिपोर्ट में दो चोट के निशान का उल्लेख था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह जानकारी नहीं दी गई थी. इस पर सीबीआई ने जवाब दिया कि वे यह जांच कर रहे हैं कि क्या अपराध के पीछे कोई बड़ी साजिश थी और क्या किसी ने साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की थी. सियालदह की सत्र अदालत ने संजय रॉय को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.