दुबई से मिलते हैं ऑर्डर, इंडिया में होती है डिलीवरी..., जानें कैसे चलता है लग्जरी कार चोरी का इंटरनेशनल खेल?

दिल्ली-एनसीआर में लग्जरी कार चोरी अब सिर्फ लोकल चोरों का काम नहीं रहा, बल्कि एक इंटरनेशनल सिंडिकेट का हिस्सा बन चुका है जिसे दुबई में बैठा भगोड़ा सरगना चला रहा है. यह गिरोह "ऑन-डिमांड" लग्जरी कारें चुराकर उन्हें नई पहचान देकर देशभर में और नेपाल-बांग्लादेश तक बेच देता है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

दिल्ली-NCR में लग्जरी कारों की चोरी अब महज सड़क छाप चोरों का काम नहीं रहा, बल्कि यह एक सुनियोजित और इंटरनेशनल लेवल का ऑपरेशन बन चुका है. इस सिंडिकेट को दुबई में बैठा एक भगोड़ा सरगना चला रहा है, जो टेक्नॉलजी की मदद से "ऑन-डिमांड" गाड़ियां चोरी करवाता है. दिल्ली में हर साल 5000 से ज्यादा कारें गायब हो जाती हैं और इनमें से कई कारें नई पहचान के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में बेची जा रही हैं.

इस गिरोह का नेटवर्क इतना मजबूत है कि इसमें पेशेवर मैकेनिक, फर्जी दस्तावेज बनाने वाले और कुछ राज्यों की रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के अधिकारी तक शामिल हैं. हाई-एंड कारों की चोरी से लेकर उनकी फर्जी रजिस्ट्रेशन तक का पूरा ‘इकोसिस्टम’ तैयार किया गया है, जिसमें हर कोई अपनी भूमिका निभा रहा है.

दुबई से चल रहा है गैंग का पूरा संचालन  

क्राइम ब्रांच की डीसीपी अपूर्वा गुप्ता के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की एंटी रॉबरी एंड स्नैचिंग सेल ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया, जिसे दुबई में बैठा ख्वाजा शेख हुसैन उर्फ शारिक उर्फ साटा चला रहा है. उसके साथ उसका भतीजा आमिर पाशा भी इस पूरे ऑपरेशन में शामिल है. इस गिरोह पर सितंबर 2023 में मकोका (MCOCA) लगाया गया था.

OBD से खोलते हैं लग्जरी कारें  

इस गैंग के अधिकतर सदस्य मैकेनिक हैं जो ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक (OBD) सिस्टम का इस्तेमाल कर लग्जरी कारों की चाबी के बिना ही उन्हें स्टार्ट कर लेते हैं. यूपी के मेरठ, मुरादाबाद और संभल से आने वाले ये चोर टेक्निकल प्रोफेशनल्स की तरह काम करते हैं.  

कैसे होती है 'ऑन-डिमांड' चोरी  

दुबई से सरगना ऑर्डर देता है कि उसे कौन-सी गाड़ी चाहिए. चोर उस मॉडल की रेकी कर उसे उठा लेते हैं. फिर गाड़ी को कुछ दिन सुनसान जगह पर खड़ा कर दिया जाता है. करियर (डिलीवरी एजेंट) उसे उठाकर सरगना द्वारा बताए स्थान तक पहुंचाता है. इस दौरान चोर और रिसीवर कभी आपस में नहीं मिलते.

नए चेसिस, नया इंजन, फर्जी दस्तावेज  

गाड़ी को पहचान बदलने के लिए एक्सिडेंट में डैमेज गाड़ियों से असली कागजात लिए जाते हैं. उनके चेसिस और इंजन नंबर चोरी की गाड़ी में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. इस तरह चोरी की गाड़ी, एक एक्सिडेंट गाड़ी की पहचान ले लेती है और उसे असली कागजों के साथ बाजार में बेचा जाता है.

रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की मिलीभगत  

जांच में यह भी सामने आया है कि नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों की रजिस्ट्रेशन अथॉरिटीज फर्जी एनओसी देकर चोरी की गाड़ियों को वैध बनाती हैं. चेसिस और इंजन नंबर पूरी तरह नकली होते हैं, जिन्हें वाहन निर्माता कंपनियां भी ट्रैक नहीं कर पातीं.

कहां-कहां बिक रही हैं ये गाड़ियां?  

ये गाड़ियां सिर्फ देश के अंदर ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश तक बेची जा रही हैं. झारखंड, बंगाल, हैदराबाद, बेंगलुरु, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ये कारें आसानी से बिक जाती हैं. वहीं, नॉर्थ ईस्ट में कुछ अलगाववादी संगठन इन गाड़ियों का इस्तेमाल हथियार और ड्रग्स की तस्करी में कर रहे हैं.

करोड़ों में खेलते हैं सरगना  

एक गाड़ी चुराने वाले को जहां 1-2 लाख रुपए मिलते हैं, वहीं सरगना उस गाड़ी को बेचकर 10 से 20 लाख रुपये तक कमाता है. सिर्फ दिल्ली-NCR में 25 से ज्यादा ऐसे बड़े गिरोह सक्रिय हैं. इनके नीचे काम कर रहे सैकड़ों छोटे गैंग गाड़ियां चुराते हैं.

 गाड़ी चोरी से कैसे बचें? 

- गाड़ी को हमेशा सिक्योर पार्किंग में खड़ा करें  

- गियर लॉक, व्हील लॉक और सिक्योरिटी अलार्म जरूर लगवाएं  

- कार के शीशों पर नंबर पेंट करवाएं  

- पार्किंग एरिया में CCTV कैमरे जरूर लगवाएं  

- नई जगह या संदिग्ध हालात में लंबे समय से खड़ी कार दिखे तो तुरंत पुलिस को बताएं  

- गाड़ी चोरी हो जाए तो 112 नंबर पर कॉल करें या ऑनलाइन ई-एफआईआर दर्ज कराएं  

- गाड़ी खरीदते समय चेसिस और इंजन नंबर ज़रूर चेक करवाएं  

पिछले तीन साल में दर्ज गाड़ी चोरी के मामले

1. 2022 - 38,248         
2. 2023 - 40,045         
3. 2024 - 39,976         

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05 April 2025, 11:19 AM IST

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