मौत के बाद 18 साल तक नहीं हुआ इस लड़की का अंतिम संस्कार, हैरान कर देगी वजह

Safiya murder case: एक दिल दहला देने वाली घटना में एक लड़की की मौत के 18 साल बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया. दरअसल, कर्नाटक के के एक गांव की 13 साल की लड़की की हत्या गोवा में 2016 में कर दी गई थी. बाल श्रम के डर से आरोपी ने हत्या कर उसके शव को 3 हिस्सों में काट कर दफन कर दिया था और उसके घरवालों को उसके लापता होने की जानकारी दी थी.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Safiya murder case: कर्नाटक के कोडागु जिले के मडिकेरी तालुक के अय्यंगेरी गांव में 13 वर्षीय सफिया का 18 साल बाद सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया. सफिया की हत्या 2006 में गोवा में कर दी गई थी और तब से उसका शव अदालत की हिरासत में था. हाल ही में कासरगोड जिला अदालत के आदेश के बाद उसके अवशेष उसके माता-पिता को सौंपे गए.

यह दुखद घटना बाल श्रम, हत्या, और न्याय की लंबी प्रक्रिया का एक चौंकाने वाला मामला है, जिसमें सफिया की जान जाने के बाद भी उसकी आत्मा को शांति पाने में लगभग दो दशक लग गए.  

क्या है मामला? 

साल 2006 में कासरगोड का केसी हेनझा नाम का शख्स  सफिया को काम के लिए गोवा ले गया था. वहां, एक दिन जब गर्म दलिया उसके ऊपर गिर गया तो सफिया गंभीर रूप से घायल हो गई . बाल श्रम का मामला दर्ज होने के डर से हेनझा ने उसकी हत्या कर दी और फिर उसके शव को तीन हिस्सों में काटकर गोवा में दफन कर दिया. इसके बाद उसने सफिया के माता-पिता को यह कहकर गुमराह किया कि वह लापता हो गई है.

'सफिया क्रिया समिति' का गठन

सफिया के माता-पिता ने इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई. इसके बाद, एक समान विचारधारा वाले समूह ने ‘सफिया क्रिया समिति’ का गठन किया, जिसने कासरगोड में 90 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, केरल सरकार ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी.

क्राइम ब्रांच की जांच

क्राइम ब्रांच ने जांच करते हुए 2008 में गोवा में सफिया का कंकाल बरामद किया. इसके बाद, केसी हेनझा को गिरफ्तार किया गया और कासरगोड सत्र न्यायालय ने उसे मौत की सजा सुनाई. हालांकि, 2019 में केरल हाई कोर्ट ने उसकी सजा घटाकर उम्रकैद कर दी, लेकिन सफिया का कंकाल कासरगोड अदालत की हिरासत में ही रहा.

18 साल बाद हुआ अंतिम संस्कार

सफिया के माता-पिता ने अदालत में याचिका दायर कर अपने बेटी के कंकाल के अवशेष मांगे. कासरगोड जिला प्रमुख अदालत ने 6 नवंबर को सफिया की खोपड़ी और हड्डियों को उसके माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया. इसके बाद, सोमवार को माता-पिता ने कोच्चि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से अवशेष लाकर अयंगेरी गांव में सफिया का अंतिम संस्कार किया.

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13 November 2024, 03:59 PM IST

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