चीख-चीख कर दया की भीख मांगती रही 2 नाबालिग बेटियां पर दरिंदों ने एक ना सुनी और... वीडियो वायरल, पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा
उत्तराखंड के बागेश्वर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ हुई हैवानियत ने सभी को झकझोर दिया है. आरोपियों ने बच्चियों को बंधक बनाकर न केवल मारपीट की बल्कि उनका वीडियो भी वायरल कर दिया. पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ लिया है लेकिन बाकी अभी फरार हैं. क्या पुलिस बाकी आरोपियों को पकड़ पाएगी? जानें पूरी कहानी.

Crime News: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां चार लड़कों ने दो नाबालिग लड़कियों को बंधक बना कर उनके साथ न केवल मारपीट की बल्कि उनके साथ छेड़छाड़ भी की. इन आरोपियों ने लड़कियों के साथ ऐसा बर्ताव किया कि देखने वालों की रूह कांप जाए. इन अपराधियों के द्वारा की गई इस जघन्य घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें आरोपी लड़कियों को थप्पड़ मारते, गालियां देते और उन्हें मुर्गा बनने के लिए मजबूर करते दिख रहे हैं.
कैसे हुआ अपराध?
रविवार को कपकोट पुलिस ने तनुज गड़िया, दीपक उर्फ दक्ष, योगेश गड़िया और लक्की कठायत के खिलाफ आरोप लगाए थे. जानकारी के मुताबिक, ये आरोपी चारों लड़कियां को बहला-फुसलाकर अपने कमरे में ले गए, जहां उन्होंने उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया. वीडियो में साफ तौर पर इन लड़कियों से बुरा बर्ताव करते हुए इन आरोपियों को देखा जा सकता है. बच्चियां बार-बार रोती रहीं और उनसे रहम की भीख मांगती रहीं, लेकिन इन दरिंदों के दिल में जरा भी दया नहीं आई.
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
घटना के बाद पुलिस ने आरोपी युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी. जैसे ही पुलिस ने आरोपियों की कार को मंडलसेरा बाइपास पर रोका, आरोपियों ने पुलिसकर्मियों को धक्का देकर गिरा दिया और कार को टक्कर मारकर फरार हो गए. हालांकि, पुलिस ने पीछा करते हुए एक आरोपी, योगेश गड़िया को पकड़ लिया, जबकि दो आरोपी, लक्की कठायत और दीपक उर्फ दक्ष फरार हो गए हैं.
कड़ी कार्रवाई की होगी उम्मीद
एसपी बागेश्वर, चंद्रशेखर घोड़के ने कहा कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कपकोट थाना और बागेश्वर कोतवाली से टीम बनाई गई है और जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. साथ ही इस अपराध के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक चेतावनी और कानून का सामना
यह घटना समाज में बढ़ते अपराधों को दर्शाती है, खासकर बच्चों के खिलाफ अपराधों की गंभीरता को. ऐसे अपराधों को लेकर समाज में जागरूकता और कड़े कानून लागू करने की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षा का एहसास हो सके. इस घिनौने अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को एक साथ खड़ा होना होगा.


