Uttarakhand News: उत्तराखंड के पौड़ी जिले में पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. ‘निवेश’ के नाम पर पूरे देश में सैकड़ों लोगों से 190 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों में प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य महत्वपूर्ण लोग शामिल हैं.
गिरफ्तार आरोपी LUCC नामक एक फर्जी सहकारी समिति चला रहे थे, जिसमें निवेश के नाम पर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था. पुलिस का दावा है कि इस मामले के मास्टरमाइंड समीर अग्रवाल ने मुंबई से इस धोखाधड़ी की शुरुआत की और इसके लिए देश के विभिन्न राज्यों में शाखाएं खोलीं.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह ने LUCC के नाम से एक फर्जी सहकारी समिति बनाई थी. इस समिति ने देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और टिहरी जिलों में लोगों को सोने के सिक्कों, तेल रिफाइनरी, और विदेशी निवेश का लालच देकर उनसे करोड़ों रुपये ठगे. इस गिरोह ने 2016 में SAGA नाम से एक संगठन बनाकर अलग-अलग राज्यों में छह सहकारी समितियों की स्थापना की और लोगों को इसमें निवेश करने का झांसा दिया.
पुलिस के अनुसार, इस घोटाले का मास्टरमाइंड मुंबई का समीर अग्रवाल है, जिसने SAGA नाम से संगठन बनाकर इसकी शाखाओं को पूरे देश में फैलाया. ठगी का मामला सामने आने के बाद समीर अग्रवाल दुबई भाग गया है. पुलिस फिलहाल उसकी तलाश में लगी है और मामले की गहराई से जांच कर रही है.
इस घटना के बाद भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) ने आम जनता को ऑनलाइन घोटालों से सावधान रहने की सलाह दी है. CERT-In का कहना है कि सरकारी एजेंसियां आधिकारिक संवाद के लिए व्हाट्सएप या स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं करती हैं, और डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर किसी भी संदिग्ध संपर्क से सावधान रहना चाहिए.
CERT-In ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि अगर कोई व्यक्ति फोन या ऑनलाइन माध्यम से पैसे की मांग करता है, तो यह संभवतः एक घोटाला है. ऐसी स्थिति में व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचना चाहिए और स्थिति का ठंडे दिमाग से आकलन करना चाहिए. CERT-In ने यह भी कहा कि दबाव में आकर कभी भी धन हस्तांतरित न करें, क्योंकि वैध एजेंसियां कभी भी त्वरित धन हस्तांतरण के लिए दबाव नहीं डालती हैं.
CERT-In ने अपने परामर्श में विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ियों के बारे में जानकारी दी है, जैसे फिशिंग घोटाले, लॉटरी और पुरस्कार घोटाले, निवेश घोटाले और कैश-ऑन-डिलीवरी (COD) घोटाले. CERT-In ने लोगों को इन घोटालों से सतर्क रहने और दबाव की रणनीति का सामना न करने की सलाह दी है. First Updated : Tuesday, 29 October 2024