डिजिटल ठगी का शिकार: 19 दिनों की कैद और जिंदगी की सारी पूंजी लूट ली गई

दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले एक बुजुर्ग शख्स डिजिटल ठगी का शिकार हो गए. उन्हें 19 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और 10 करोड़ ठग लिए गए. उनका कहना है कि उनके दिमाग और शरीर पर पूरा कब्जा रखा

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Digital arrest news: दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले 77 साल के बुजुर्ग से एक झटके में ठगों ने पूरी जिंदगी की कमाई लूट ली. इसके लिए स्कैमर्स ने उन्हें पहले डिजिटल अरेस्ट किया और फिर 10 करोड़ ठग लिए. इसे लेकर पीड़िता का कहना है कि 19 दिनों तक उन्हें बंधक बनाकर रखा गया. इसके साथ ही, उनके दिमाग और शरीर पर पूरा कब्जा जमाए रखा. 

कैसे हुई बुजुर्ग के साथ ठगी?

स्कैम को लेकर पीड़ित ने बताया कि उन्हें 25 सितंबर को कूरियर कंपनी की तरफ से कॉल आया था. जिसके बाद से ही उनके जीवन में मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगा. आगे कहा कि वो कभी अनजान नंबरों से आने वाले कॉल रिसीव नहीं करते हैं, मगर दुर्भाग्य से उन्होंने उस दिन कॉल रिसीव कर लिया. ठगी को लेकर बताते हैं कि कॉल पर उनसे कहा गया मुंबई से चीन भेजा गया पार्सल वापस आ गया हैं. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा है तो कॉलर ने बताया कि पार्सल पर उनके आधार कार्ड की जानकारी दर्ज है. 

नकली पुलिस बन ले ली बैंक डिटेल्स 

बस इतना कहने के बाद उन्हें मुंबई पुलिस से वीडियो कॉल से जोड़ दिया गया, जिसमें खुद को अधिकारी बता रहे थे. उन्होंने सामने वाले शख्स को पूरी घटना बताई तो उनपर झूठ बोलने के आरोप लगा दिए गए. जिसके बाद उनसे सबूत के तौर पर बैंक की जानकारी मांगी गई. इसके बाद कॉल ट्रांसफर कर दी गई, जो खुद को CBI का वरिष्ठ अधिकारी बता रहे और रौबदार आवाज में बात की. 

पूछे सवाल और दिखाए दस्तावेज 

पीड़ित बुजुर्ग ने ये भी बताया कि उसने मुझे सुनसान कमरे में जाने के लिए कहा, ताकि कोई भी उनकी बातें ना सुन सकें. फिर कई सवाल पूछे गए और कुछ दस्तावेज दिखाए. जिसमें मेरे आधार की जानकारी थी. इसके साथ ही, दूसरे पर मुझे देश छोड़ने से रोकने का आदेश था. घटना की जानकारी अपने बच्चों या किसी और को बताने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी गई. उन्होंने मुझे कई घंटों तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रखा. 

ईडी के अधिकारी से कराई बात 

आपको बता दें कि पीड़ित एक पढ़े-लिखे, उच्च योग्यता प्राप्त इंजीनियर हैं. लेकिन उन्होंने इस बात को माना कि वो दबाव में आ गए थे. उन लोगों ने ये भी दावा किया कि उनका फोन सर्विलांस पर है. प्रवर्तन निदेशालय के एक कथित अधिकारी से भी उनकी बात कराई गई. आगे बताया कि मुझे मामले में मदद का आश्वासन दिया गया. उस समय, मैं पूरी तरह से सम्मोहित था, और मेरे दिमाग और शरीर पर पूरा नियंत्रण किया गया था. 5 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर तक, बुजुर्ग को बताया गया कि जांच चल रही है. उनसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया और उसने तीन किश्तों में 10.3 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. 

पीड़ित बुजुर्ग कहा कि उनके सारे पैसे चले गए। इस मामले पर दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट जांच कर रही है और उन्हें जल्द बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है. 
  First Updated : Saturday, 16 November 2024