शेयर बाजार में आया गिरावट का तूफान, दिवाली की खुशियां पल में हुईं गायब!
दिवाली के बाद के कारोबारी हफ्ते की शुरुआत ने निवेशकों को झटका दिया है. महज 15 मिनट में सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त गिरावट आई, जिससे निवेशकों के 5.15 लाख करोड़ रुपये डूब गए. क्या यह गिरावट अमेरिकी चुनावों और आईटी शेयरों में आई कमी का नतीजा है? जानें, इस गिरावट के पीछे का सच और इसके संभावित असर पर पूरी खबर में!
Stock Market: दिवाली के बाद के कारोबारी हफ्ते की शुरुआत ने निवेशकों को झकझोर कर रख दिया है. 4 नवंबर को शेयर बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है. महज 15 मिनट के भीतर निवेशकों के 5.15 लाख करोड़ रुपये डूब गए और अब सवाल यह है कि आखिर दिवाली की रौनक को किसकी नजर लग गई?
शेयर बाजार में गिरावट का कारण
शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन एक प्रमुख वजह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का होना है. इस हफ्ते अमेरिका में चुनाव होंगे और उनका परिणाम सिर्फ अमेरिका पर ही नहीं बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी गहरा असर डालेगा. इसके साथ ही, आईटी शेयरों में आई भारी गिरावट ने भी बाजार को नुकसान पहुंचाया है.
बाजार की स्थिति
शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं. सेंसेक्स में 1000 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई है, जो इसे 78,683 पर ले आया है. वहीं, निफ्टी 330 अंकों की गिरावट के साथ 23,976 पर ट्रेड कर रहा है. इस गिरावट के कारण बीएसई पर सभी लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी घटकर 441.3 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो 6.8 लाख करोड़ रुपये कम है.
किन कंपनियों पर पड़ा असर?
इस गिरावट में रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और सन फार्मा जैसे प्रमुख कंपनियों ने सबसे ज्यादा भूमिका निभाई है. इन कंपनियों के कारण सेंसेक्स में 420 अंकों की गिरावट आई है. इसके अलावा, एलएंडटी, एक्सिस बैंक, टीसीएस और टाटा मोटर्स भी सूचकांक को नीचे गिराने में शामिल रहे हैं.
दिवाली के बाद शेयर बाजार की इस गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है. अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व की बैठक के चलते आने वाले दिनों में और भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं. निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है, क्योंकि बाजार में ऐसे हालात कभी भी बदल सकते हैं.
क्या शेयर बाजार में यह गिरावट स्थायी होगी या आने वाले दिनों में इसमें सुधार होगा? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल निवेशकों के लिए यह एक चेतावनी का संकेत है.