राष्ट्रीय पार्टी बनने पर बढ़ा आम आदमी पार्टी का कद
सोमवार को आम आदमी पार्टी को भारतीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया। चुनाव आयोग के इस कदम से आम आदमी पार्टी का कद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गया है।
हाइलाइट
- राष्ट्रीय पार्टी बनने पर बढ़ा आम आदमी पार्टी का कद
आशुतोष मिश्र
सोमवार को आम आदमी पार्टी को भारतीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया। चुनाव आयोग के इस कदम से आम आदमी पार्टी का कद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गया है। हालांकि पार्टी का प्रदर्शन पिछले कुछ दिनों में लगातार बेहतर दिखाई पड़ रहा है। चाहे वह पंजाब का चुनाव हो या फिर गुजरात का चुनाव पार्टी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए आधा दर्जन राज्यों में अपना दबदबा कायम रखा। इसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय चुनाव आयोग को उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देना पड़ा। ठीक उसके उलट इसी स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाली कुछ राष्ट्रीय पार्टियों को अखिल भारतीय स्तर की सूची से निकाल दिया गया है। इनमें तृणमूल कांग्रेस एनसीपी एवं सीपीआई जैसी पार्टियां हैं।
यह पार्टियां 1 दिन पहले तक राष्ट्रीय पार्टियों की सूची में शामिल थीं लेकिन तकनीकी आधार पर भारतीय चुनाव आयोग ने अब इन्हें क्षेत्रीय पार्टियों की सूची में डाल दिया है। इनमें तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में अपनी सरकार चला रही है। दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र में पिछली सरकार में मुख्य निर्णायक की भूमिका में थे। एकनाथ शिंदे से पहले उद्धव ठाकरे की सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका थी। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन भी कराया था। फिलहाल अब एनसीपी को क्षेत्रीय पार्टी के रूप में अपने आप को पहचानना होगा।
सीपीआई कम्युनिस्ट पार्टियों की प्रमुख शाखा रही है और पिछले 5 दशकों में पार्टी का प्रदर्शन कई राज्यों में अच्छा रहा है। इसी की वजह से उन्हें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त था फिलहाल उनका वोट प्रतिशत लगातार गिरने की वजह से उनके सिर से भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन गया है। मजे की बात यह है कि अब सिर्फ 6 राजनैतिक दल ही राष्ट्रीय पार्टियों की सूची में शामिल हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया, नेशनल पीपुल्स पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। सबसे अधिक लाभ इसमें आम आदमी पार्टी को हुआ है। इस पार्टी की स्थापना दिल्ली में 2012 में की गई। पार्टी ने सबसे पहले दिल्ली में अपनी बादशाहत कायम रखी और पिछले तीन बार से वह लगातार दिल्ली में सरकार बनाने में सफल रही है। दूसरी ओर पिछले वर्ष पंजाब में हुए चुनाव में भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने यहां भी सरकार बनाई।
इससे इस पार्टी का रुतबा कुछ और बढ़ गया था गुजरात और गोवा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने मेहनत करते हुए वहां अपने उम्मीदवार खड़े किए। हालांकि वहां आशा के अनुरूप पार्टी को सफलता नहीं मिली लेकिन अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ आवश्यक वोट भी उन्हें मिला। इसकी वजह से भारतीय चुनाव आयोग को उन्हें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है। आने वाले दिनों में कर्नाटक के अलावा तेलंगाना, राजस्थान छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं उम्मीद की जा रही है कि हिंदी भाषी राज्यों में आम आदमी पार्टी के टिकट पर सैकड़ों की संख्या में लोग चुनाव लड़ेंगे। इसीलिए पार्टी के प्रमुख नेता काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उठकर सबसे पहले पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को बधाई दी उन्होंने कहा कि यह पार्टी कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम और मेहनत का परिणाम है कि लगभग 10 सालों में ही पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गई। आने वाले दिनों में पार्टी और भी तेजी से आगे बढ़ेगी।