बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन का जेल से छूटना......

बिहार के पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह की बिहार सरकार ने बुधवार को रिहाई के आदेश दिए थे। उस आदेश की तामील गुरुवार को हो गई।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

हाइलाइट

  • बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन का जेल से छूटना......

आशुतोष मिश्र

बिहार के पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह की बिहार सरकार ने बुधवार को रिहाई के आदेश दिए थे। उस आदेश की तामील गुरुवार को हो गई। आनंद मोहन जेल से रिहा हो गए। इस दौरान उनके हजारों समर्थकों ने खुशियां मनाई। हालांकि बिहार सरकार उनकी रिहाई को लेकर काफी सतर्क थी। बिहार की सरकार को अंदेशा था कि दिन में उनकी रिहाई होने पर उनके समर्थकों की संख्या कई हजार हो सकती है। इसलिए उन्हें आनन-फानन में सुबह 6:15 पर  ही रिहा कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह ने एक आईएएस अधिकारी की हत्या के जुर्म में सजा काट रहे थे। सन 2004 में गोपालगंज के जिलाधिकारी रहे जी कृष्णैया की हत्या एक भीड़ ने कर दी थी। इस भीड़ का नेतृत्व आनंद मोहन सिंह कर रहे थे। हत्या के बाद निचली अदालत ने उन्हें 2007 में फांसी की सजा दी थी। इसके विरोध में आनंद मोहन सिंह हाईकोर्ट गए। वहां से उनकी सजा को फांसी से आजीवन कारावास में बदल दिया गया। आनंद मोहन 2007 से लगातार जेल में रहकर आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।

आनंद मोहन सिंह का रिश्ता लगभग सभी राजनीतिक दलों से रहा है चाहे वह नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड हो या लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल हो। एक बार तो वह भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सांसद चुने गए थे। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उनके सभी राजनीतिक पार्टियों में पैठ है। इसलिए वह लगातार किसी ने किसी दल से चुनाव लड़ते रहे हैं या अपनी पत्नी लवली आनंद को चुनाव लड़ाते रहे हैं। लेकिन बीते वर्ष नवंबर के महीने में उनके जीवन में अचानक परिवर्तन आया। वह पैरोल पर अपनी बिटिया की शादी में जेल से बाहर आए हुए थे। शादी समारोह में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया था। उस दौरान आनंद मोहन सिंह के साथ नीतीश की फोटो काफी वायरल हुई थी। आम लोगों के मन में यह धारणा उसी समय बन गई थी कि आने वाले दिनों में जनता दल यूनाइटेड और आनंद मोहन सिंह के बीच नजदीकियां बढ़ने वाली है। उसका नतीजा आज देखने को मिला।

आनंद मोहन से की रिहाई एक विशेषआदेश के तहत हुई। लेकिन इस आदेश के लिए बिहार सरकार ने अपने जेल मैन्युअल में बदलाव पर डाला। इसके लिए बिहार सरकार और नीतीश कुमार की काफी आलोचना हो रही है। मीडिया की खबरों में यह घटना लगातार पिछले 2 दिनों से बानी हुई हैं। आनंद मोहन सिंह और नीतीश कुमार के करीब आने की खबरें लगातार मीडिया में चल रही है। चाहे वह प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या डिजिटल सभी जगह इस खबर को प्रमुखता से जगह दी जा रही है। इस खबर को लेकर आम लोगों में  चर्चा बनी हुई है। लोगों का कहना है कि बिहार में एक अलग तरह का बदलाव आएगा। वहां की राजनीति में एक बार फिर बाहुबल का असर दिखाई देने वाला है।

उल्लेखनीय है कि 90 के दशक में बिहार की राजनीति में बाहुबली लोगों की अधिकता थी। इसकी वजह से वहां पर काफी संख्या में अपराधी और कई प्रकार के गैंग काम कर रहे थे। उस समय पप्पू यादव शहाबुद्दीन और आनंद मोहन सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाता था। उस दौर में कई बाहुबली विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में शामिल हो गए। बाद में सभी राजनीतिक पार्टियों का दामन पकड़ एमपी और एमएलए बन गए। इन सभी लोगों पर हत्या जैसे गंभीर अपराध के आरोप भी लगे थे। आगे चलकर तीनो लोग किसी न किसी कारण से जेल में रहे। लेकिन आनंद मोहन सिंह का छूटना लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

calender
27 April 2023, 07:41 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो